दुनिया के करीब सवा सौ देशों को संक्रमित करने वाले कोरोना को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पैनडेमिक यानी वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है. चीन के बाद इटली और ईरान में सबसे ज्यादा मौत हुई हैं. इटली में तो मरीजों की सुनामी से पस्त चिकित्सक और हेल्थ केयर स्टाफ को उपचार के लिए युद्ध का मेडिकल ट्रायगेज सिस्टम (प्राथमिकता प्रणाली) लागू करना पड़ा है यानी जो बच सकते हैं उन्हें बचाओ. आईसीयू में उन्हें रखो जिनकी उम्र कम है, बूढ़ों को मरने दो.
ईरान में इस वायरस से मरनेवालों की मृत्यु दर सबसे ज्यादा है. ईरान के विदेश मंत्नी ने कहा है कि चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण इस वायरस से लड़ना हमारे लिए मुश्किल हो गया है. वहां सन्नाटा फैला हुआ है. एक शहर से दूसरे शहर में आने-जाने पर पाबंदी लगा दी गई है. अमेरिका ने भी कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है. वहां कई विश्वविद्यालयों ने अपने छात्नों को कैंपस छोड़ने के निर्देश दिए हैं. इसके पहले कोरोना संक्रमण के प्रमुख केंद्र चीन में क्या हुआ यह ठीक-ठीक कोई नहीं जानता.
इन सबकी तुलना में अभी तक तो दुनिया में भारत को सुरक्षित देश ही माना जा सकता है. इसका श्रेय भारत सरकार को है जो चीन में महामारी शुरू होते ही सतर्क हो गई थी. भारत सरकार ने विदेश से आनेवाले लोगों की सबसे पहले एयरपोर्ट पर चेकिंग शुरू की. नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, पाकिस्तान और म्यांमार से सड़क मार्ग पर आवाजाही बंद की. अनेक राज्यों में स्कूल, कॉलेज, मल्टीप्लेक्स और मॉल्स बंद कर दिए.
कई शहरों में धारा 144 लगा दी ताकि लोगों का जमावड़ा न हो. पर हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में अभी भी संयुक्त परिवार हैं जहां संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है. भारत उच्चतम जनसंख्या घनत्व वाला देश है. घर एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं जिनमें आवाजाही के रास्ते कॉमन हैं. देश की बड़ी आबादी घनी बस्तियों में रहती है. मुंबई में जो लोग चाल में रहते हैं उनके शौचालय कॉमन हैं. उन्हें और हम सबको सावधानी बरतनी चाहिए. डरे नहीं, पर सावधानी बरतें. यही कोरोना संक्रमण से बचने का एकमात्न उपाय है.