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ब्लॉग: ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकती है परमाणु ऊर्जा

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: December 13, 2024 06:40 IST

परमाणु ऊर्जा बिजली उत्पादन का एक स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल स्रोत  है और यह देश को स्थायी रूप से दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा प्रदान कर सकता है.

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भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता पिछले दशक में लगभग दोगुनी हुई है.  यह 4,780 मेगावाॅट से बढ़कर 8,081 मेगावाॅट हो चुकी है और 2031 तक यह तीन गुना हो जाएगी. देश-दुनिया की आबादी और अर्थव्यवस्था में जिस तरह से वृद्धि हो रही है और जिस गति से शहरीकरण हो रहा है, यह तय है कि आने वाले वर्षों में ऊर्जा की मांग में काफी वृद्धि होने वाली है. भारतीय परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ. होमी जहांगीर भाभा ने आजादी के पहले से ही भविष्य की जरूरतों को देखते हुए भारत को परमाणु ऊर्जा संपन्न देश बनाने का सपना देखा था.

हमारा देश बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए परमाणु ऊर्जा की हिस्सेदारी को बढ़ाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. इस समय हमारे सामने ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की चुनौतियों के अलावा जनजीवन को स्वच्छ वातावरण देना बहुत जरूरी है. परमाणु ऊर्जा बहुत लंबे समय तक हमारी ऊर्जा संबंधी जरूरतों को पूरा कर सकती है.

सभी को ज्ञात है कि वायु प्रदूषण दुनिया का सबसे बड़ा पर्यावरणीय जोखिम है. बिजली उत्पादन का वैकल्पिक स्रोत है परमाणु ऊर्जा. यह एक कम उत्सर्जन वाला स्रोत है और इससे कार्बन का उत्सर्जन भी बहुत कम होता है. इसलिए एक टिकाऊ भविष्य की ऊर्जा प्रणाली बनाने के लिए, कम कार्बन बिजली उत्पादन के अन्य रूपों में वृद्धि के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा के व्यापक उपयोग करना आवश्यक है.

वर्तमान में देश की लगभग 80 प्रतिशत बिजली जीवाश्म ईंधन से आती है. यदि भारत अपने महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है तो इसे कम करना होगा. देश में इस समय सौर और पवन ऊर्जा में निवेश हो रहा है साथ ही आठ परमाणु रिएक्टर भी निर्माणाधीन हैं. कम-से-कम 25 और बनाने की योजना है. पर्यावरण की सुरक्षा के मद्देनजर देश को वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों पर अपनी निर्भरता बढ़ानी ही होगी. परमाणु ऊर्जा से बनी बिजली कार्बन मुक्त तो होती ही है, साथ ही इससे बनी बिजली सस्ती भी होती है.

देश में कोयला, जल विद्युत, सौर, और पवन ऊर्जा के बाद परमाणु ऊर्जा बिजली का पांचवां सबसे बड़ा स्रोत है. भारत में फिलहाल आठ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में 23 परमाणु रिएक्टर चालू हैं. परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को संचालित करना कोयले या गैस संयंत्रों की तुलना में सस्ता है. देश में थोरियम की उपलब्धता परमाणु ऊर्जा को भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए एक आशाजनक समाधान के रूप में प्रस्तुत करती है.

इसे भविष्य का ईंधन माना जाता है और भारत थोरियम संसाधनों में अग्रणी देश है. इससे भारत को जीवाश्म ईंधन मुक्त राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिल सकती है. सौर और पवन ऊर्जा मौसम की स्थिति पर निर्भर होते हैं. जबकि परमाणु ऊर्जा एक विश्वसनीय स्रोत है. पिछले कुछ सालों से भारत में पहली बार परमाणु ऊर्जा का उपयोग बड़े पैमाने पर अलग-अलग क्षेत्रों में किया जा रहा है.

इनमें कृषि उत्पादों और फलों का जीवनकाल  बढ़ाने के साथ ही कैंसर और अन्य रोगों के उपचार में नवीनतम तकनीकों का उपयोग शामिल है. ये हम जानते हैं कि भारत जीवाश्म ईंधन संसाधनों में बहुत समृद्ध नहीं है. इस दृष्टि से भी बढ़ती ऊर्जा की मांग को देखते हुए परमाणु ऊर्जा भविष्य का बेहतर विकल्प है. परमाणु ऊर्जा बिजली उत्पादन का एक स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल स्रोत  है और यह देश को स्थायी रूप से दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा प्रदान कर सकता है.

लेकिन, परमाणु ऊर्जा को लेकर अभी भी आम लोगों में भ्रम की स्थिति है. इसलिए अगर सरकार इसे ऊर्जा का  एक व्यवहार्य स्रोत बनाना चाहती है, तो परमाणु ऊर्जा उत्पादन को सार्वजनिक स्वीकृति मिलना आवश्यक है.

टॅग्स :Nuclear Power Corporation of India Ltd.IndiaEnergy Department
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