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ब्लॉग: महाराष्ट्र पर है प्रधानमंत्री की पैनी निगाह

By हरीश गुप्ता | Updated: March 17, 2022 08:35 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह कहते हुए चौंका दिया कि इन एजेंसियों को महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के ‘भ्रष्ट’ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट शासनादेश दिया गया है. 

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ठळक मुद्देछत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रियंका के राज्यसभा में जाने के लिए वकालत कर रहे हैं. आप पंजाब की सभी सात राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए तैयार है.राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे भाजपा सांसदों को सुनिश्चित नहीं है कि उन्हें फिर से मनोनीत किया जाएगा या नहीं.

अब यह स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से महाराष्ट्र में सभी गतिविधियों पर निगाह रख रहे हैं. अगर वे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के अन्य केंद्रीय नेताओं के साथ वहां की स्थिति के बारे में बैठक कर रहे हैं तो सीबीआई, खुफिया ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय जैसी प्रमुख केंद्रीय एजेंसियों से भी फीडबैक ले रहे हैं. 

वे व्यावहारिक व क्रियाशील प्रधानमंत्री हैं और हर चीज खुद ही देखते हैं. उन्होंने हाल ही में यह कहते हुए चौंका दिया कि इन एजेंसियों को महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के ‘भ्रष्ट’ नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्पष्ट शासनादेश दिया गया है. 

इन एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर कार्रवाई के संबंध में पीएम ने पार्टी के मुख्यालय में भाजपा कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कहा कि लोगों ने उन्हें भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भारी जनादेश दिया है और यदि वह कार्रवाई नहीं करते हैं तो यह लोगों की आकांक्षा पूर्ण करने में उनकी विफलता होगी. 

‘मैं इस जनादेश को कैसे नकार सकता हूं’ पीएम ने आश्चर्य जताते हुए कहा. वे यहीं नहीं रुके. उन्होंने एक और झटका दिया जब यह कहा कि ‘इन भ्रष्ट नेताओं का पारिस्थितिकी तंत्र उनके समर्थन में सामने आया है और इन स्वतंत्र एजेंसियों पर कीचड़ उछालने का अभियान शुरू किया है. 

ये नेता इन एजेंसियों को बदनाम करने के लिए नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि इन भ्रष्ट नेताओं ने इन एजेंसियों द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर मामले को धार्मिक रंग देने का एक नया आयाम जोड़ा है. पीएम ने कहा कि इन भ्रष्ट नेताओं ने न्यायपालिका को भी नहीं बख्शा है.

प्रियंका गांधी जाएंगी राज्यसभा में!

प्रियंका गांधी वाड्रा के राज्यसभा में प्रवेश की प्रबल संभावना है. चूंकि कांग्रेस की छाया वर्मा (छत्तीसगढ़) सेवानिवृत्त हो रही हैं, इसलिए सुझाव है कि प्रियंका को उच्च सदन में लाया जाए. 

इस बात की भी संभावना है कि जी-23 (परिवर्तन चाहने वाले) के कम से कम दो नेताओं को टिकट दिया जा सकता है. आलाकमान ने पार्टी मामलों को संभालने में अपनी गलती को स्वीकार करते हुए सीडब्ल्यूसी में विद्रोह को लगभग समाप्त कर दिया है. 

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रियंका के लिए पुरजोर वकालत कर रहे हैं. दूसरे, वे 2024 में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहती हैं और राज्यों में पार्टी को मजबूत करने पर ध्यान देना पसंद करती हैं. ‘गांधी परिवार’ जल्द ही अंतिम फैसला करेगा.

आप को 7 सीटों का पंजाब बोनांजा आम आदमी पार्टी (आप) अप्रैल-जुलाई के बीच खाली हो रही सभी सात राज्यसभा सीटों पर जीत हासिल करने के लिए तैयार है. आप के फसल काटने का कारण यह है कि द्विवार्षिक चुनाव 3: 2: 2 के अनुपात में होंगे. 

चूंकि 117 के सदन में आप के अपने 92 विधायक हैं, इसलिए वह तीनों सीटों पर जीत हासिल करेगी और उन दो-दो सीटों पर भी कब्जा करेगी, जिसके लिए अलग-अलग चुनाव होंगे.

आप के सूत्रों की मानें तो पार्टी अन्य पार्टियों के नेताओं को लाने के बजाय सभी सात सीटों के लिए नए चेहरों की तलाश कर रही है. 

आप की प्रचंड जीत के बाद पंजाब में उसमें शामिल होने की इच्छा रखने वालों की लाइन लगी है. लेकिन आप किसी दल-बदल को बढ़ावा नहीं दे रही है और इस साल के अंत में होने वाले हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है. 

वह मुंबई में बीएमसी चुनाव में प्रवेश करने पर भी विचार कर रही है, जहां उसके लिए उपजाऊ जमीन मौजूद है, हालांकि इसके लिए समय बहुत कम है.

भाजपा से राज्यसभा जाने के इच्छुक परेशान

सेवानिवृत्त हो रहे भाजपा सांसदों में काफी बेचैनी है और यह सुनिश्चित नहीं है कि उन्हें फिर से मनोनीत किया जाएगा या नहीं. पीएम मोदी के शब्द अभी भी उनके कानों में गूंज रहे हैं, जो उनके 2016 में राज्यसभा में चुने जाने के बाद, उनके सम्मान में आयोजित एक रात्रिभोज में प्रधानमंत्री ने कहा था. 

मोदी ने उनसे तीखे लहजे में कहा था, ‘यह मत सोचो कि आपको राज्यसभा की सीट आपकी वरिष्ठता या पार्टी के लिए कड़ी मेहनत के कारण मिली है. राज्यसभा के बाहर बैठे और भी वरिष्ठ नेता और आपसे ज्यादा मेहनती नेता हैं, यहां तक कि ऐसे नेता भी हैं जिन्होंने पार्टी में अपना पूरा जीवन लगा दिया है. पार्टी ने आपको चुना है और आपने सिर्फ एक फार्म पर हस्ताक्षर किए हैं. यहां आने का हक किसी को नहीं है.’

अपने वचन के अनुसार, मोदी ने अपने गृह राज्य गुजरात सहित कहीं से भी 2018 और 2020 में राज्यसभा से किसी को दुबारा नामित करने से परहेज किया. 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और कुछ अन्य लोगों को छोड़कर, भाजपा के सेवानिवृत्त होने जा रहे 20 सांसदों में से कोई भी इस बार उच्च सदन में वापस आने की उम्मीद नहीं कर रहा है. प्रधानमंत्री शायद ऐसे चेहरों की तलाश कर रहे हैं जो उनकी 2024 की लोकसभा चुनाव की योजना में फिट हों.

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