प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिल्कुल सही कहा है कि जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता किसी एक व्यक्ति या पार्टी की नहीं है बल्कि 140 करोड़ देशवासियों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और सम्मेलन के कारण भारत ने ‘विश्व मित्र’ के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
सोमवार को पुराने संसद भवन में कार्यवाही के अंतिम दिन प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, पी.वी. नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के देश के निर्माण में योगदान की प्रशंसा की तो कांग्रेस ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ की।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह वो सदन है जहां पंडित नेहरू के भाषण ‘स्ट्रोक ऑफ मिडनाइट’ की गूंज हम सबको प्रेरित करती है तो कांग्रेस सांसद अधीर रंजन बोले कि पोखरण के समय अटल जी ने पूरी दुनिया को एक शक्तिशाली राष्ट्र का संदेश दिया।
दलगत मतभेद के बावजूद राष्ट्र निर्माण के संदर्भ में अपने राजनीतिक विरोधियों के मतभेद को भी स्वीकार करना निश्चित रूप से भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती को दर्शाता है। आजादी के बाद लोकतंत्र के शुरुआती दौर में वैचारिक मतभेदों के बावजूद अपने राजनीतिक विरोधियों के सद्भाव का माहौल आम हुआ करता था।
व्यक्तिगत या सामाजिक संबंधों पर दलगत मतभेदों की कोई आंच नहीं आया करती थी। दुर्भाग्य से इस संस्कृति में धीरे-धीरे गिरावट आती नजर आने लगी थी और वैचारिक लड़ाई के स्थान पर व्यक्तिगत आक्षेपों के उदाहरण राजनीति में देखने को मिलने लगे थे।
आरोप-प्रत्यारोप का स्तर इतना गिरने लगा था कि लगने लगा था कहीं आम नागरिकों, विशेषकर युवाओं का राजनीति से मोहभंग ही न हो जाए। संतोष की बात है कि नई संसद में प्रवेश के पहले ही राजनीतिक विरोधियों के प्रति सद्भाव पुराने दिनों की तरह ही नजर आने लगा है।
निश्चित रूप से निर्वाचित होने के बाद किसी जनप्रतिनिधि द्वारा हासिल की जाने वाली उपलब्धियां उसकी अपनी या अपने दल की नहीं रह जातीं बल्कि पूरे देश की हो जाती हैं। देश में हम भले ही किसी की कितनी भी वैचारिक आलोचना करें लेकिन वैश्विक मंच पर हम एकजुट रहकर ही देश को मजबूत बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलता को पूरे देश की उपलब्धि बताना हमारी इसी एकजुटता की संस्कृति को दर्शाता है। इस एकता के बल पर ही भारत ‘विश्व मित्र’ के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुआ है तथा आगे भी इसी भावना के बल पर देश प्रगति करता रहेगा।