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ब्लॉग: रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर देश

By ऋषभ मिश्रा | Updated: April 13, 2024 09:56 IST

इस समय दुनिया के 42 से ज्यादा देश भारत से आर्टिलरी गन्स, ब्रह्मोस मिसाइल्स, आकाश मिसाइल्स सिस्टम, पिनाका रॉकेट्स एंड लॉन्चर्स, गोला-बारूद, बाडी आर्मर्स और तेजस जैसे लड़ाकू विमान खरीदने की डील करने के लिए आगे आ रहे हैं।

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ठळक मुद्देहथियारों के बाजार में भारत अब एक बहुत बड़ा देश बन कर उभर रहा हैपिछले साल भारत ने 21 हजार करोड़ रुपए के हथियार दूसरे देशों को निर्यात किएऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने रक्षा निर्यात के मामले में 21 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा छुआ

दुनिया में हथियारों के बाजार में भारत अब एक बहुत बड़ा देश बन कर उभर रहा है। पिछले साल भारत ने 21 हजार करोड़ रुपए के हथियार दूसरे देशों को निर्यात किए। स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत ने रक्षा निर्यात के मामले में 21 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा छुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने कुल मिलाकर 21 हजार 83 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात किया है। जबकि पिछले साल भारत ने 15920 करोड़ रुपए के हथियारों का निर्यात किया था। इससे भी बड़ी बात यह है कि वित्त वर्ष 2004-05 से लेकर 2013-14 के बीच यूपीए की सरकार ने 10 वर्षों में कुल 4312 करोड़ रुपए के हथियार ही दुनिया को निर्यात किए थे। लेकिन वहीं वित्त वर्ष 2014-15 से लेकर 2023-24 के बीच मोदी सरकार के लगभग दस वर्षों के कार्यकाल में भारत ने 88319 करोड़ रुपए के हथियार दुनिया को निर्यात किए हैं।

वस्तुतः सिर्फ इसी वर्ष में भारत ने दुनिया को 35 हजार करोड़ रुपए के हथियार निर्यात करने का लक्ष्य रखा है। हमारा देश दुनिया के 85 से ज्यादा देशों को हथियारों का निर्यात कर रहा है। इस सूची में भारत से सबसे ज्यादा 31 प्रतिशत हथियार म्यांमार खरीद रहा है तो 19 प्रतिशत श्रीलंका, 12 प्रतिशत मॉरीशस, 6 प्रतिशत नेपाल, 5.1 प्रतिशत आर्मेनिया, 4.3 प्रतिशत वियतनाम, 4.2 प्रतिशत मालदीव और 2.2 प्रतिशत अफगानिस्तान खरीद रहा है।  भारत जिन हथियारों को दूसरे देशों को बेच रहा है उनमें सबसे ज्यादा 61 प्रतिशत समुद्री युद्धपोत हैं, 20 प्रतिशत लड़ाकू विमान तेजस हैं, 14 प्रतिशत सेंसर्स हैं, 2.9 प्रतिशत बख्तरबंद गाड़ियां, 1.1 प्रतिशत तोप और 0.9 प्रतिशत मिसाइल्स हैं। 

इस समय दुनिया के 42 से ज्यादा देश भारत से आर्टिलरी गन्स, ब्रह्मोस मिसाइल्स, आकाश मिसाइल्स सिस्टम, पिनाका रॉकेट्स एंड लॉन्चर्स, गोला-बारूद, बाडी आर्मर्स और तेजस जैसे लड़ाकू विमान खरीदने की डील करने के लिए आगे आ रहे हैं। इस समय रक्षा निर्यात में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की निजी कंपनियों की है और 40 प्रतिशत सरकारी कंपनियों की है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) इस क्षेत्र में दुनिया की 41 वीं सबसे बड़ी कंपनी बन चुकी है। 

भारत जिन देशों को अपने हथियार निर्यात कर रहा है उनमें कुछ हमारे पड़ोसी देश हैं, जबकि बाकी के छोटे-छोटे देश हैं। इस समय दुनिया में हथियार बनाने और बेचने वाले सिर्फ 48 देश हैं। और इनमें से भी प्रमुख 5 देश ही हैं जो कि दुनिया के लगभग 76.5 प्रतिशत हथियार निर्यात करते हैं। इसमें पूरी दुनिया के बाजार में अमेरिका 40 प्रतिशत, रूस 16 प्रतिशत, फ्रांस 11 प्रतिशत चीन 5.2 प्रतिशत और जर्मनी 4.2 प्रतिशत हथियारों का निर्यात करता है। जबकि भारत इन 48 देशों की सूची में वैसे तो अभी 40 वें स्थान पर है और अभी भी हम दुनिया के 0.0003 प्रतिशत हथियार ही निर्यात कर पा रहे हैं। ये आंकड़ा वैसे तो काफी कम है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में देश ने जिस गति से तरक्की की है वह अभूतपूर्व है।

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