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ब्लॉग: नागरिकता संशोधन अधिनियम पर कब तक रहेगा असमंजस, पारित हुए गुजर चुके हैं तीन साल!

By शशिधर खान | Updated: January 25, 2023 09:44 IST

केंद्रीय गृह मंत्रालय जब-जब 6 महीने की बढ़ोत्तरी चाहता है, तब तब खबर बनती है. यह सिलसिला जारी है. वहीं, केंद्रीय मंत्री जब भी कोई अवसर मिलता है, यह कहने से नहीं चूकते कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होकर रहेगा और जल्द लागू होगा.

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विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए), 2019 पारित हुए तीन साल गुजर जाने के बावजूद विधिवत लागू नहीं हो पा रहा है क्योंकि केंद्र सरकार अभी तक इसके लिए नियम नहीं बना पाई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीएए, 2019 लागू होने के नियम तय करने के लिए फिर से 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है. 

पास होने के बाद से ही विवाद के घेरे में चल रहा सीएए संसदीय समिति के पास विचाराधीन है. संसदीय समिति के बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता संशोधन कानून लागू करने के नियम बनाने के लिए निर्धारित अवधि में 30 जून तक की बढ़ोत्तरी मांगी है. ऐसा सातवीं बार हुआ है, जब गृह मंत्रालय ने संसदीय समिति से 6 महीने बढ़ोत्तरी का आग्रह किया है.

केंद्रीय मंत्री जब भी कोई अवसर मिलता है, यह कहने से नहीं चूकते कि नागरिकता संशोधन कानून लागू होकर रहेगा और जल्द लागू होगा. सीएए, 2019 पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए गैर-मुस्लिम समुदायों को बिना किसी कागजात के नागरिकता प्रदान करने के लिए पास कराया गया. 

इस एक्ट के अंतर्गत हिंदू, सिख, पारसी, ईसाई, बौद्ध और जैन समुदायों के वैसे लोगों को भारतीय नागरिक बनाने का प्रावधान किया गया, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए. विवाद का कारण यह था कि वैसे लोगों में मुसलमान शामिल नहीं किए गए. इसके विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हुए. विभिन्न राज्यों में चुनावी मुद्दा भी बना.नागरिकता संशोधन कानून कब लागू होगा, लागू हो पाएगा या नहीं, इसके बारे में कुछ कहना मुश्किल है. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय जब-जब 6 महीने की बढ़ोत्तरी चाहता है, तब तब खबर बनती है. यह सिलसिला जारी है. गृह मंत्रालय ने राज्यसभा कमेटी को कुछ हफ्ते पहले सूचित किया कि सीएए लागू करने के नियम बनाने के लिए 31 दिसंबर 2022 तक के समय की जरूरत है. जबकि लोकसभा कमेटी से गृह मंत्रालय ने 9 जनवरी 2023 तक का समय मांगा. 

इस मामले पर संसद के दोनों सदनों की कमेटी अलग-अलग विचार कर रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार फिर जनवरी, 2023 में मंत्रालय ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों से 6 महीने (30 जून तक) का समय मांगा है.

संसदीय कार्य मैनुअल कहता है कि अगर कोई मंत्रालय किसी पास एक्ट के लागू होने के नियम निर्धारित 6 महीने की अवधि के अंदर नहीं बना पाता है तो संसदीय समिति से बढ़ोत्तरी का कारण बताकर समय मांगना चाहिए. यह पता नहीं चला है कि गृह मंत्रालय ने सात बार किन-किन कारणों से समय बढ़वाया है.

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