लाइव न्यूज़ :

china investment 2024: देश में चीनी निवेश पर सरकार की उलझन, सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी कोई रियायत देने के खिलाफ!

By हरीश गुप्ता | Updated: August 8, 2024 05:31 IST

china investment 2024: प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हाथ मिलाया और कुछ बातचीत भी की, जिसका विवरण अभी तक ज्ञात नहीं है.

Open in App
ठळक मुद्देविदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक की. पिछले चार वर्षों में कमांडर-स्तरीय वार्ता के 30 दौर हो चुके हैं.मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन को चीन से अधिक एफडीआई के लिए नियुक्त किया.

china investment 2024: अपने बिगड़ैल पड़ोसी चीन से निपटने के तरीके पर मोदी सरकार में विरोधाभासी संकेत उभर रहे हैं. अभी तक सरकार ने सीमा विवाद को व्यापार वार्ता से बाहर रखने के चीनी प्रस्ताव को दृढ़ता से खारिज किया था. देश की सुरक्षा और खुफिया एजेंसियां भी चीन को कोई रियायत देने के खिलाफ हैं. भारत ने चीनी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में हाथ मिलाया और कुछ बातचीत भी की, जिसका विवरण अभी तक ज्ञात नहीं है.

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी अपने चीनी समकक्ष के साथ बैठक की. राजनीतिक नेतृत्व विवाद को सुलझाने के लिए उत्सुक दिखता है, लेकिन चीनी किसी भी समझौते को लंबा खींच रहे हैं क्योंकि पिछले चार वर्षों में कमांडर-स्तरीय वार्ता के 30 दौर हो चुके हैं. लेकिन अचानक, मोदी सरकार ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन को चीन से अधिक एफडीआई के लिए नियुक्त किया.

क्योंकि आयात तेजी से बढ़ रहा है, जो पड़ोसी पर बहुत अधिक निर्भरता को दर्शाता है. 22 जुलाई 2024 को संसद में पेश किए गए सर्वेक्षण में बताया गया कि भारत को चीन से माल आयात करने बनाम पूंजी आयात के बीच संतुलन बनाना चाहिए. सरकार ने अपने बचाव के लिए आर्थिक सर्वेक्षण से खुद को दूर कर लिया.

31 जुलाई को, मोदी सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में से एक, जो वाणिज्य और उद्योग विभाग संभाल रहे थे, ने मुंबई में घोषणा की, ‘‘भारत में चीनी निवेश पर नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और सर्वेक्षण में प्रस्तुत विचार बाध्यकारी नहीं है.’’ देश में हर किसी ने सोचा कि गोयल की स्पष्ट घोषणा के साथ मामला खत्म हो गया. 2020 में, मोदी सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से एफडीआई के लिए पूर्व अनुमोदन अनिवार्य कर दिया था, जिसका मुख्य उद्देश्य चीन था. हालांकि कहानी यहीं खत्म नहीं हुई.

तीन दिन बाद 3 अगस्त को पीयूष गोयल के नेतृत्व में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने चीन के लिए यह कहते हुए  पेशकश की, ‘‘अगर इससे विनिर्माण को बढ़ावा मिलता है तो चीन से एफडीआई को तेजी से मंजूरी देने पर विचार किया जा सकता है.’’

इससे सरकार की उलझन का पता चलता है क्योंकि 2023-24 में चीन के साथ आयात-निर्यात का अंतर रिकॉर्ड 85 बिलियन डॉलर था. दूसरे, सरकार अपने पड़ोस में विकसित हो रही भू-राजनीतिक स्थिति को लेकर भी चिंतित है.

अपनी जड़ों की ओर लौट रही भाजपा

आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और बिहार में जनता दल (यू) के साथ गठबंधन के बावजूद, भाजपा वोट हासिल करने के लिए अपने हिंदू एजेंडे पर लौटती दिख रही है. इन दोनों सहयोगियों और कुछ छोटी पार्टियों को कुछ हद तक ‘धर्मनिरपेक्ष’ माना जाता है क्योंकि उन्हें अल्पसंख्यकों का समर्थन प्राप्त है. लेकिन भाजपा नेतृत्व को एहसास हुआ कि उसे अपने वोट बैंक को संभालना है जबकि सहयोगी अपने वोट बैंकों का ख्याल रख सकते हैं. 2024 के लोकसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत हासिल करने में विफल रहने के बाद, पार्टी अपने वोट बैंक को बनाए रखने की रणनीति पर गंभीरता से विचार कर रही है.

अल्पसंख्यक वोट हासिल करने के अपने उत्साह में, भाजपा ने अपने कुछ मुख्य निर्वाचन क्षेत्र खो दिए. भूल सुधार की प्रक्रिया शुरू हो गई है. सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने का एक बड़ा फैसला इस योजना का हिस्सा माना जा रहा है. आरएसएस ने यह भी कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गलत नहीं समझा जाना चाहिए.

वह केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को संभावित भावी नेता के रूप में भी देख रहा है. दिलचस्प यह है कि यूपी का ‘बुलडोजर’ प्रयोग अब उपराज्यपाल के अधीन दिल्ली में भी अक्सर देखा जाता है.  देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू तीर्थस्थलों का जीर्णोद्धार तेजी से किया जा रहा है.

दूसरी बात, आरएसएस 2025 में विजयादशमी पर अपने 100 साल पूरे होने पर अपना स्थापना दिवस मनाने की योजना पर भी काम कर रहा है. आरएसएस की स्थापना डॉ. के.बी. हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में की थी.

भाजपा के गांधी परिवार का क्या है भविष्य?

विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भले ही सुर्खियों में रहे हों लेकिन भाजपा के दो गांधियों के बारे में हाल फिलहाल कुछ सुनने को नहीं मिल रहा है. जब से वरुण गांधी को लोकसभा का टिकट नहीं मिला और उनकी मां मेनका गांधी सुल्तानपुर लोकसभा सीट हार गईं, तब से उनके बारे में कुछ सुनने को नहीं मिल रहा है.

ऐसा लगता है कि पार्टी अपने गांधियों के लिए किसी तरह की राजनीतिक भूमिका पर विचार कर रही है. हालांकि वरुण गांधी कुछ समय तक पार्टी महासचिव जैसे अहम पद पर रहे. मेनका गांधी पहली मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं, लेकिन मोदी 2.0 सरकार में उन्हें शामिल नहीं किया गया.

बताया जाता है कि उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की है और वरुण गांधी ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इन बैठकों के दौरान क्या हुआ, इसका तत्काल पता नहीं चल पाया. लेकिन ऐसा लगता है कि कुछ पक रहा है और संगठनात्मक बदलाव होने पर उन्हें कोई भूमिका दी जा सकती है या कोई और जिम्मेदारी दी जा सकती है.

और अंत में...

लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में बदलाव देखने को मिल रहा है; ज्योतिषी फिर से बड़े पैमाने पर काम पर लग गए हैं. सोचिए क्यों!

टॅग्स :चीनदिल्लीपीयूष गोयलशी जिनपिंगनरेंद्र मोदीS Jaishankar
Open in App

संबंधित खबरें

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारतModi-Putin Talks: यूक्रेन के संकट पर बोले पीएम मोदी, बोले- भारत न्यूट्रल नहीं है...

भारतPutin India Visit: एयरपोर्ट पर पीएम मोदी ने गले लगाकर किया रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत, एक ही कार में हुए रवाना, देखें तस्वीरें

भारतPutin India Visit: पुतिन ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी, देखें वीडियो

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई