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BLOG: सेवा का अनूठा माध्यम ‘टाइम बैंक’

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: June 27, 2018 05:31 IST

पहली बार मैंने ‘टाइम बैंक’ की अवधारणा सुनी थी इसलिए मेरे भीतर इसे लेकर बहुत जिज्ञासा थी और मैंने मकान मालकिन से इसके बारे में विस्तार से पूछा।

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अभय कुमार दुबे

नई दिल्ली, 27 जून: स्विट्जरलैंड में टाइम बैंक की अवधारणा एक ऐसा कदम है जिसमें लोग अपना समय टाइम बैंक में सहेज कर रख सकते हैं ताकि बुढ़ापे में उसे काम में ला सकें। वहां पढ़ चुके बेन हैदरी ने इस व्यवस्था को इन शब्दों में बयां किया है -,स्विट्जरलैंड में पढ़ाई के दौरान मैंने स्कूल के नजदीक ही एक मकान किराये पर लिया। मकान मालकिन क्रिस्टीना 67 वर्षीय महिला थीं जो सेवानिवृत्ति के पहले एक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षिका थीं। स्विट्जरलैंड में पेंशन अच्छी-खासी मिलती है और लोगों को अपनी शेष जिंदगी में खाने-पीने के लिए चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ती। इसलिए यह बात हैरानी में डालने वाली थी कि उन्होंने 87 वर्षीय एक वृद्ध की देखभाल करने का ‘काम’ खोज लिया था। मैंने उनसे पूछा कि क्या वे पैसे के लिए काम कर रही हैं? उनका जवाब मुङो चकित करने वाला था - ‘मैं पैसे के लिए काम नहीं कर रही हूं, बल्कि मैं ‘टाइम बैंक’ में अपना समय जमा करवा रही हूं ताकि बुढ़ापे में जब मुङो चलने-फिरने में तकलीफ हो तो इसका उपयोग कर सकूं।’ 

पहली बार मैंने ‘टाइम बैंक’ की अवधारणा सुनी थी इसलिए मेरे भीतर इसे लेकर बहुत जिज्ञासा थी और मैंने मकान मालकिन से इसके बारे में विस्तार से पूछा। ‘टाइम बैंक’ मूलत: एक वृद्धावस्था पेंशन कार्यक्रम है, जिसे सामाजिक सुरक्षा के उद्देश्य से स्विस संघीय मंत्रलय ने विकसित किया है। लोग उसमें युवावस्था के दौरान, बुजुर्गो की सेवा करके अपना समय जमा करा सकते हैं और बुढ़ापा आने पर, बीमार पड़ने पर या देखभाल की जरूरत पड़ने पर उसे निकाल सकते हैं। 

आवेदनकर्ता को स्वस्थ, संवाद पटु और दयालु हृदय होना चाहिए। प्रतिदिन वे जरूरतमंद बुजुर्गो की सेवा करके अपना समय जमा करा सकते हैं। उनकी सेवा के घंटे सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के व्यक्तिगत खातों में जमा कर लिए जाते हैं। वे हफ्ते में दो बार दो-दो घंटे के लिए काम करने जाती थीं और बुजुर्गवार को शॉपिंग करने, कमरे की साफ-सफाई करने, सनबाथ के लिए बाहर जाने में मदद करने के साथ-साथ उनसे गपशप करती थीं। एग्रीमेंट के अनुसार, उनकी एक साल की सेवा पूरी होने के बाद, ‘टाइम बैंक’ उनके सेवा के घंटों की गिनती करता था और उन्हें एक ‘टाइम बैंक कार्ड’ जारी करता था। उन्हें जब भी अपनी देखभाल की जरूरत महसूस हो, वे टाइम बैंक से अपना टाइम निकाल सकती थीं। सूचना का सत्यापन करने के बाद ‘टाइम बैंक’ अस्पताल में या घर पर देखभाल करने के लिए वालंटियर्स की डय़ूटी लगाता है।

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एक दिन, मैं स्कूल में था, तभी मकान मालकिन का फोन आया और उन्होंने बताया कि खिड़की साफ करते समय वे स्टूल से गिर पड़ी हैं।  मैंने तत्काल छुट्टी ली और इलाज के लिए उन्हें अस्पताल भेजा। मकान मालकिन के घुटने में चोट आई थी और उन्हें कुछ समय तक बेड रेस्ट की जरूरत थी। जब मैं उनकी देखभाल के लिए छुट्टी का आवेदन भेजने की तैयारी कर रहा था, तो मकान मालकिन ने मुझसे कहा कि मैं उनके बारे में चिंतित न होऊं। उन्होंने ‘टाइम बैंक’ के पास विड्राल रिक्वेस्ट पहले ही भेज दी थी और दो घंटे से भी कम समय में ‘टाइम बैंक’ ने उनकी देखभाल के लिए एक नर्सिग वर्कर को भेज दिया। 

वह प्रतिदिन आकर उनकी देखभाल करता, गपशप करता और उन्हें स्वादिष्ट खाना बनाकर खिलाता था। सावधानी से की गई उसकी देखभाल के कारण मकान मालकिन जल्दी ही स्वस्थ हो गईं। इसके बाद वे फिर से ‘काम’ पर जाने लगीं। उनका कहना था कि जब तक वे स्वस्थ हैं, तब तक टाइम बैंक में अपना टाइम जमा कराने की इच्छुक हैं ताकि जरूरत पड़ने पर उन्हें दिक्कत न हो। 

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आज, स्विट्जरलैंड में बुढ़ापे के सहारे के लिए  ‘टाइम बैंक’ में अपना समय जमा कराना एक आम बात हो गई है। इससे न केवल देश का पेंशन खर्च बचता है, बल्कि कई अन्य सामाजिक समस्याएं भी सुलझती हैं। कई स्विस नागरिक इस तरह की वृद्धावस्था पेंशन के बहुत समर्थक हैं। स्विस पेंशन संगठन की ओर से कराए गए सव्रे में सामने आया है कि आधे से अधिक स्विस युवा  इस तरह की वृद्धावस्था देखभाल सेवा में भाग लेना चाहते हैं।

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