Delhi Mahipalpur: महिपालपुर में पति ने पत्नी की हत्या कर सुसाइड दिखाने की कोशिश की. बेंगलुरु में पत्नी की हत्या कर लाश सूटकेस में छिपाई. नोएडा में इंजीनियर पत्नी पर पहले हथौड़े से सिर पर वार किया, फिर गला रेता. मेरठ में महिला ने पति को नशीली दवा दी और बेहोश होने पर प्रेमी के साथ मिलकर टुकड़े कर दिए, फिर ड्रम में टुकड़े भरे और सीमेंट डाल दिया..! बिहार के बांका जिले में पति ने पत्नी के अवैध संबंधों का विरोध किया तो पत्नी ने सुपारी देकर कराई हत्या...! ये कुछ खबरों की हेडिंग्स हैं जो पिछले एक महीने में अखबारों में छपी हैं.
मेरठ की घटना के बाद तो पूरा का पूरा सोशल मीडिया पति-पत्नी के बीच शंका और खौफ को लेकर व्यंग्यात्मक रील्स से भरा पड़ा है. सभी रील्स के थीम एक जैसे हैं कि दो व्यक्ति एक ड्रम और दो बोरी सीमेंट लेकर किसी के घर पहुंचते हैं. घर वाला पूछता है कि ये क्या है? वो दोनों बताते हैं कि आपकी पत्नी ने मंगाए हैं. यह सुनते ही पति घर से भाग खड़ा होता है.
आश्चर्यजनक बात यह है कि इस तरह के रील्स पर लोग हंस तो रहे हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि ऐसी घटनाओं के पीछे के कारणों की विवेचना कोई नहीं कर रहा है. भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी का रिश्ता सबसे अंतरंग माना गया है. एक-दूसरे के लिए समर्पित होने के इस रिश्ते में नोंकझोंक को लेकर सदियों से चुटकुले बनते रहे हैं, सुनते और सुनाए जाते रहे हैं लेकिन जब रिश्तों की प्यारी सी नोंकझोंक की जगह संदेह जन्म लेने लगे और संदेह का कोहरा इतना घना हो जाए कि बात हत्या तक पहुंच जाए तो यह पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है.
समाज में अवैध रिश्ते सदा से रहे हैं लेकिन उसकी विकरालता उतनी कभी नहीं रही जितनी आज है. अभी-अभी यह खबर भी आई कि एक महिला अपने होने वाले दामाद के साथ ही भाग गई और दोनों ने घर बसा लिया. सुनकर बड़ा अजीब सा लगता है लेकिन जो सच सामने है, उससे इनकार कैसे किया जा सकता है.
निश्चय ही विश्वास टूटता है तो मन में गुस्सा पैदा होता है और बदला लेने की भावना भी उत्पन्न होती है और ये हत्याएं इसी का परिणाम हैं. बिल्कुल पुख्ता आंकड़ा तो कहीं भी उपलब्ध नहीं है लेकिन ऐसा आकलन है कि हर साल शक और संदेह के कारण करीब पौने तीन सौ महिलाओं की हत्या उनके पति द्वारा कर दी जाती है.
इसी तरह करीब सवा दो सौ पुरुषों की हत्या के पीछे उनकी पत्नियां होती हैं. वे या तो खुद हत्या करती हैं या फिर पति-पत्नी के रिश्ते में जो ‘वो’ होता है, उसकी मदद लेती हैं. सबसे चिंताजनक बात यह है कि ऐसी घटनाएं निरंतर बढ़ती ही जा रही हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि मिठास वाले रिश्ते में खटास इस मुकाम पर क्यों पहुंच जाती है कि एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन जाएं!
निश्चित रूप से इसके लिए कोई एक कारण नहीं हो सकता. बहुत सारे कारण जब एक के बाद एक पैदा होने लगते हैं तो रिश्तों की गांठ उलझने लगती है. आश्चर्यजनक बात यह है कि जो बहुत पढ़े-लिखे लोग हैं, वे भी इस गांठ को पैदा होने से रोकने की कोशिश नहीं करते या सफल नहीं हो पाते. कई बार दोष एकतरफा होता है तो कई बार दोनों ही दोषी होते हैं.
अहंकार भी आड़े आ जाता है. सवाल यह है कि एक-दूसरे के प्रेम में डूबने वाले रिश्ते में वे ऊबने क्यों लगते हैं. इसका जवाब पति-पत्नी को मिलकर ढूंढ़ना चाहिए. यदि कहीं दरार पैदा हो रही है तो उसे पाटने की जरूरत है और यह जिम्मेदारी दोनों की है. यदि एक की हत्या हो जाती है तो दूसरा कहां बचता है. वह जेल में सड़ता है. ऐसी नौबत ही क्यों आए?