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Solar Energy: सौर उपकरणों पर आयात-निर्भरता कम करनी होगी, आखिर क्या है वजह

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: April 5, 2024 11:16 IST

Solar Energy: आंकड़ा योजना की घोषणा के एक महीने के भीतर ही पूरा भी हो गया. इस योजना में लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

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ठळक मुद्दे नागरिक जो बिजली बिल से परेशान रहते हैं उनके लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित होगी. चीन ने सोलर रूफटॉप के संचालन के लिए लगने वाले इन्वर्टर के जरिये हमारे घरों में घुसपैठ कर ली है.बिजली उत्पादन से लेकर इसकी खपत पर नजर रखने के लिए इन इन्वर्टर कंपनियों ने अपने-अपने एप्प बनाए हैं.

Solar Energy: सौर ऊर्जा हमारे देश में तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है और हम इसमें जबरदस्त संभावनाएं देखते हैं. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बदलाव का दौर है, जो बिजली और विनिर्माण की वैश्विक गतिशीलता को चुनौती दे रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना 2024 की घोषणा की. इस योजना के तहत एक करोड़ परिवारों को छत पर सौर ऊर्जा प्रणाली देने की घोषणा की गई थी और यह आंकड़ा योजना की घोषणा के एक महीने के भीतर ही पूरा भी हो गया. इस योजना में लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान की जाएगी.

देश के ऐसे नागरिक जो बिजली बिल से परेशान रहते हैं उनके लिए यह योजना काफी फायदेमंद साबित होगी. लेकिन खबर है कि चीन ने सोलर रूफटॉप के संचालन के लिए लगने वाले इन्वर्टर के जरिये हमारे घरों में घुसपैठ कर ली है. देश में लगे 70 प्रतिशत इन्वर्टर चीन के ही हैं. बिजली उत्पादन से लेकर इसकी खपत पर नजर रखने के लिए इन इन्वर्टर कंपनियों ने अपने-अपने एप्प बनाए हैं.

मामले की गंभीरता को समझते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने आश्वस्त किया है कि अब भारत में ही बने उपकरणों पर जोर दिया जाएगा. भारत का लक्ष्य 2047 तक ऊर्जा-स्वतंत्र राष्ट्र बनना है. देश का लक्ष्य अपनी 90 प्रतिशत ऊर्जा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना है. इस यात्रा में प्रौद्योगिकी की चुनौतियां भी बहुत हैं.

हमारे यहां अपर्याप्त भंडारण क्षमता, ग्रिड कनेक्टिविटी जैसी बाधाओं के बावजूद सौर ऊर्जा का भविष्य उज्ज्वल है. सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता एक आशाजनक तस्वीर पेश करती है. इस क्षेत्र में अपनी बढ़त बनाने के लिए भारतीय सौर कंपनियों को घटकों के आयात के मामले में चीन पर निर्भरता कम करनी होगी.

अभी सौर सेल और मॉड्यूल चीन से ही आयात किए जाते हैं. चीनी सौर विनिर्माण उद्योग अपने चरम पर है. चीन के पास सौर विनिर्माण क्षमता में वैश्विक बाजार हिस्सेदारी का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा है. पूरी दुनिया में सौर उपकरणों में से 80 प्रतिशत चीन में ही बनते हैं, लिहाजा आज भी चीन की अंतरराष्ट्रीय सौर बाजार पर गहरी पकड़ है.

ऐसे में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के अलावा भारत को नवीकरणीय उपकरणों के निर्माण के लिए भी दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. भारत के पास कौशल, विशेषज्ञता, भूमि या मानव-शक्ति की कमी नहीं है. घरेलू क्षमताओं को बढ़ाकर सौर उपकरणों पर हमारी आयात-निर्भरता को कम करना आसान काम नहीं है, लेकिन इसे हासिल किया जा सकता है. यह न केवल आर्थिक दृष्टि से जरूरी है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है.

टॅग्स :Energy Departmentनरेंद्र मोदीNarendra Modi
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