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ब्लॉग: मुक्त व्यापार की राह में तेजी से आगे बढ़ता भारत, ऑस्ट्रेलिया के साथ हुए एफटीए समझौता का मिलेगा विशेष लाभ

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: December 5, 2022 10:21 IST

भारत-ऑस्ट्रेलिया एफटीए के इसी साल लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया को भारत का करीब 96 फीसदी निर्यात और भारत को ऑस्ट्रेलिया का करीब 85 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्ति के साथ किया जा सकेगा.

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इस समय भारत मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के जरिये विकास की तेज डगर पर तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है. हाल ही में भारत-ऑस्ट्रेलिया के द्वारा यह निर्धारित किया गया है कि दोनों देशों के बीच हुए एफटीए को इसी वर्ष 29 दिसंबर से लागू किया जाएगा.

गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए नए मुक्त व्यापार समझौते से दोनों देशों के बीच वर्तमान द्विपक्षीय व्यापार को करीब 27 अरब डॉलर से बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने में मदद मिलेगी.

सेवा निर्यात संवर्द्धन परिषद (एसईपीसी) के मुताबिक भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए एफटीए से दूरसंचार, कम्प्यूटर, यात्रा, अनुसंधान, विकास, पेशेवर तथा प्रबंधन परामर्श सेवाओं जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच वर्तमान 1.9 अरब डॉलर का सेवा निर्यात आगामी पांच वर्ष में बढ़कर पांच अरब डॉलर होने का अनुमान है.

भारत-ऑस्ट्रेलिया एफटीए के लागू होने के बाद ऑस्ट्रेलिया को भारत का करीब 96 फीसदी निर्यात और भारत को ऑस्ट्रेलिया का करीब 85 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्ति के साथ किया जा सकेगा. इसके तहत विभिन्न क्षेत्रों जैसे टेक्सटाइल, चमड़ा, कृषि और मत्स्य उत्पाद, इलेक्ट्रिक सामान, आभूषण को ऑस्ट्रेलिया में शुल्क मुक्त पहुंच मिल सकेगी.

चूंकि हमारे प्रतिस्पर्धी बांग्लादेश का ऑस्ट्रेलिया के साथ पहले ही एफटीए है और उसे बेहद कम विकसित देश होने के कारण 5 प्रतिशत का लाभ मिलता है, जो भारत को नहीं मिलता, ऐसे में अब नए समझौते से शुल्क मुक्ति के कारण भारत को हो रहे नुकसान को भी कम करने में मदद मिलेगी और भारत प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाकर ऑस्ट्रेलिया में निर्यात बढ़ा सकेगा. दूसरी तरफ भारत ने ऑस्ट्रेलिया के लिए जिन सामानों पर शून्य शुल्क की पेशकश की है उनमें मुख्य रूप से कच्ची सामग्री, कोयला और खनिज शामिल है.

उल्लेखनीय है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच एफटीए इस वर्ष 2022 में हुआ दूसरा एफटीए है. इसके पहले 18 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ इसी तरह का समझौता हुआ था. इस एफटीए को समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीपा) नाम दिया गया है. इस व्यापार समझौते से भारत और यूएई के बीच वस्तुओं का कारोबार 5 साल में दोगुना बढ़ाकर 100 अरब डॉलर किए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जो कि इस समय करीब 60 अरब डॉलर है.

इस समय यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और अमेरिका के बाद दूसरा बड़ा निर्यात केंद्र है. इस एफटीए के तहत दोनों देशों के द्वारा एक मई 2022 से विभिन्न क्षेत्रों की निर्धारित वस्तुओं को शुल्क मुक्त और रियायती शुल्क पर पहुंच की अनुमति दी गई है.

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