कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: सिंधु, साइना और किदांबी श्रीकांत, ये तिकड़ी करेगी ऑस्ट्रेलिया में कमाल?
By विनीत कुमार | Published: March 29, 2018 07:29 AM2018-03-29T07:29:26+5:302018-03-29T07:29:26+5:30
ग्लासगो में 2014 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
करीब 8 साल पहले 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा ने बैडमिंटन के महिला युगल वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में यह पहली बार था जब युगल स्पर्धा में बैडमिंटन से भारत की झोली में कोई सोना आया। भारत ने इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए अब तक का अपना सबसे बड़ा दल भेजा है। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में जब 4 अप्रैल से कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 शुरू होंगे तो भारतीय फैंस की नजरें बैडमिंटन स्टार्स पर जरूर होंगी।
बैडमिंटन को देखें तो राष्ट्रमंडल खेलों में छह मेडल दांव पर होंगे। इनमें मेंस और विमेंस सिंग्ल्स के अलावा मेंस, विमेंस और मिक्स्ड डबल्स और मिक्स्ड टीम इवेंट भी शामिल हैं। आईए, नजर डालते हैं बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों से क्या हैं उम्मीदें...
पीवी सिंधु और सायना नेहवाल से बड़ी उम्मीदें
वर्ल्ड नंबर-3 सिंधु को ग्लासगो के राष्ट्रमंडल खेलों में ब्रॉन्ज से संतोष करना पड़ा था। सिंधु के हाल के ऑल इंग्लैंड चैम्पियनशिप्स के प्रदर्शन को देखें तो निश्चित रूप से वह गोल्ड मेडल की सबसे बड़ी दावेदार होंगी। उन्हें फाइनल में जापान की अकाने यामागुची से हार का सामना करना पड़ा। जापान और चीन कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं है। इसलिए उम्मीद करनी चाहिए कि सिंधु को ज्यादा परेशानी नहीं होगी। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: सुशील कुमार की नजर गोल्ड मेडल की 'हैट्रिक' पर, साक्षी का भी दिखेगा दम)
हालांकि, ड्रा के हिसाब के सिंधु और साइना नेहवाल का सामना हो सकता है, और ये दिलचस्प मुकाबला होगा। साइना ने कॉमनवेल्थ गेम्स- 2010 के आखिरी दिन गोल्ड मेडल जीता था और इसी की मदद से भारत ने पदक तालिका में इंग्लैंड को पछाड़कर दूसरा स्थान हासिल किया था। साइना हालांकि चोट के कारण ग्लासगो में नहीं खेल सकी थीं।
श्रीकांत-प्रणॉय बड़े दावेदार, कश्यप की खलेगी कमी
किदांबी श्रीकांत, एस एस प्रणॉय अगर एकल मुकाबलों में दावेदारी पेश करेंगे तो वहीं, पुरुष युगल में चिराग शेट्टी और सात्विक सैराज से उम्मीदें होंगी। चिराग और सात्विक पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। पारुपल्ली कश्यप की कमी जरूर खलेगी जो चोट के कारण इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा नहीं हैं। वहीं, मिक्स्ड डब्ल्स में प्रणव जेरी चोपड़ा और एन सिक्की रेड्डी से उम्मीदें होंगी। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: बॉक्सिंग से कितने मिलेंगे मेडल और मैरी कॉम समेत किन पर होंगी निगाहें, जानिए)
विमेंस डबल्स की बात करें को सिक्की और अश्विनी पोनन्ना महिला युगल में लगतार अपने तीसरे कॉमनवेल्थ मेडल की तलाश मे होंगी।
बैडमिंटन के टीम स्पर्धा से आएंगे मेडल?
राष्ट्रमंडल खेलों की शुरुआत में पहले टीम इवेंट ही होने हैं। इसमें मेडल का फैसला 9 अप्रैल तक हो जएगा और इसके बाद बैडमिंटन के व्यक्तिगत इवेंट शुरू होंगे। टीम के लिहाज से देखें तो भारत को करीब-करीब आसान ड्रॉ मिला है। उसे ग्रुप-ए में पाकिस्तान, श्रीलंका और स्कॉटलैंड के साथ रखा गया है।
भारत को स्कॉटलैंड से चुनौती मिलने की उम्मीद जरूर है लेकिन सिंधु, साइना, एच एस प्रणॉय और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी भारत को बड़ी सफलता दिला सकते हैं। माना जा रहा है कि टीम स्पर्धा में भारत क्वॉर्टर फाइनल तक का सफर आसानी से तय कर लेगा लेकिन इसके बाद नॉकआउट में उसे इंग्लैंड (ग्रुप-सी) और मलेशिया (ग्रुप-डी) से कड़ी टक्कर मिल सकती है। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले पीवी सिंधु को लगी चोट!)
ग्लासगो में ऐसा रहा था प्रदर्शन
ग्लासगो में 2014 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज जीता था। कश्यप ने जहां पुरुष एकल के गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाया वहीं, ज्वाला गुट्टा और अश्विनी ने महिला युगल में सिल्वर जीता। आरएमवी गुरुसाईदत्त (पुरुष एकल) और सिंधु को कांस्य से संतोष करना पड़ा। वहीं, मिक्स्ड टीम इवेंट से कोई पदक नहीं आया।
कॉमनवेल्थ गेम्स में ये खिलाड़ी जीत चुके हैं गोल्ड
प्रकाश पादुकोण (1978)
सईद मोदी (1982)
साइना नेहवाल (2010)
ज्वाला/अश्विनी (2010)
पारुपल्ली कश्यप (2014)
कॉमनवेल्थ गेम्स- 2018 के लिए भारतीय टीम
पुरुष दल- किदांबी श्रीकांत, एचएस प्रणॉय, चिराग शेट्टी, सात्विक सैराज, प्रणव जेरी चोपड़ा
महिला दल- पीवी सिंधु, साइना नेहवाल, अश्विनी पोनप्पा, एन सिक्की रेड्डी, रितुलिका शिवानी कॉमनवेल्थ गेम्स से जुड़ी सारी खबरें यहां पढ़ें