वाहन दुर्घटनाओं के शिकार हुए लोगों में से अधिकांश की मौत सिर पर लगने वाले गंभीर चोट के चलते हो जाती है। इन घटनाओं को हेलमेट का इस्तेमाल करने से काफी हद तक कम किया जा सकता है। सड़क हादसों में रोक लगाने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं जिनमें शराब पीकर गाड़ी न चलाने, हेलमेट का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है। इसके बाद भी कई लोग ऐसे हैं जो अपनी सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि सिर्फ जुर्माने से बचने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोग काम चलाऊ और कोई भी हेलमेट खरीद लेते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि कौन सा हेलमेट लेना आपके लिए बेहतर होगा।
हेलमेट खरीदते समय सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात यह है कि हेलमेट इंडियन स्टैंडर्ड्स इंस्टीट्यूट (ISI) मार्क वाला होना चाहिए। ISI भारतीय मानक ब्यूरो का पुराना नाम है। इन मानकों द्वारा पास हुए सभी हेल्मेट सुरक्षित माने जाते हैं। भारतीय बाजार में स्टीलबर्ड (Steelbird), स्टड्स (Studds) जैसी कई कंपनियां हैं जो किफायती कीमत पर बढ़िया हेलमेट उपलब्ध कराती हैं। इन कंपनियों के सभी हेल्मेट्स ISI मार्क वाले होते हैं।
हेलमेट खरीदते वक्त हमेशा साइज और शेप का ध्यान रखें। क्योंकि यदि आपने हेलमेट बड़े साइज का लिया तो किसी दुर्घटना के दौरान झटका लगने से वह बाहर निकल सकता है। ऐसे में हो सकता है चोट लगने से पहले ही हेलमेट यदि बाहर निकल गया तो हेलमेट लगाने के बाद भी सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। हेलमेट के भी कई साइज आते हैं इसलिए हेलमेट खरीदते समय परफेक्ट साइज का चुनाव करें।
यदि आप हेलमेट ज्यादा टाइट खरीद लेते हैं तो ज्यादा देर तक हेलमेट लगाए रखने में आपको परेशानी होगी और कान और सिर में दर्द भी हो सकता है। तो सबसे परफेक्ट साइज आपके लिए वही होगा जो आसानी से सिर में फिट हो जाए।
एक बात का और ध्यान रखें कि आपका हेलमेट ज्यादा भारी नहीं होना चाहिए। भारी हेलमेट की वजह से लंबी दूरी के दौरान गर्दन में दर्द हो सकता है। हेलमेट का वजन 1200 से 1350 ग्राम से ज्यादा न हो तो बेहतर होगा। इससे हेलमेट पहनना आपको भारी भी नहीं लगेगा, गर्दन में दर्द भी नहीं होगा इसके साथ ही आपके सिर की सुरक्षा भी हो जाएगी।
एक बात का ध्यान और रखें की ऐसा हेलमेट खरीदें जिनकी अंदर की पैडिंग और कुशन हटाया जा सके। इन्हें निकालकर आप धो सकते हैं। क्योंकि लंबे समय तक इस्तेमाल करने और कभी कभार दूसरों को इस्तेमाल के लिए हेलमेट देने से वह गंदा हो जाता है। जिन्हें निकालकर आसानी से साफ किया जा सकेगा। पैडिंग के अलावा हेलमेट में ब्रीथ गार्ड और चिन कर्टन फीचर भी हो तो आपके लिए और बढ़िया होगा।