इस रणनीति का पहला उद्घाटन 2017 के उ.प्र. चुनाव के समय हुआ था जब शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करके भाजपा के ब्राrाण जनाधार में सेंध लगाने की कोशिश शुरू की गई थी. ...
लोकनीति बताती है कि मध्य प्रदेश में भाजपा कांग्रेस से एक फीसदी वोटों से आगे है और छत्तीसगढ़ में तो उसकी बढ़त सात फीसदी है। केवल राजस्थान में कांग्रेस के पास महज चार फीसदी की बढ़त है, लेकिन वहां भी कम-से-कम एक बड़े क्षेत्र में भाजपा कांग्रेस से आगे नि ...
राम मंदिर में एक बार फिर चुनाव जिताने की संभावनाएं देखने वाला यह विश्लेषण इस धारणा पर टिका है कि 2019 में जो वोट डालने जाएंगे, उनका राजनीतिक - सामाजिक किरदार वही है जिसके आधार पर नब्बे के दशक में भाजपा के संसदीय उत्थान की पटकथा लिखी गई थी। ...
भारतीय लोकतंत्र में यह प्रश्न हमेशा से ही विचारणीय रहा है कि मजबूत, प्रभावी और साथ में लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन करने वाली सरकार किसे समझा जाना चाहिए- एक पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार को, या फिर किसी ऐसी गठजोड़ सरकार को। ...
क्या भागवत यह नहीं जानते होंगे कि वे यह सलाह देर से दे रहे हैं? उन जैसा राजनीतिक रूप से कुशल व्यक्ति यह समझने में गलती कर ही नहीं सकता। तो फिर क्या वे भाजपा के लिए राममंदिर मुद्दे को चुनावी रंग देने की पूर्व-पीठिका तैयार कर रहे हैं? ...
चूंकि ‘मी टू मुहिम’ का स्वरूप औचक (रैंडम) है, और इसके बाद होने वाली सामाजिक और पेशेवर लानत-मलामत का विन्यास काफी-कुछ ‘मीडिया ट्रायल’ से मिलता-जुलता है, इसलिए इस मुहिम की आलोचनाएं भी हो रही हैं। इन आलोचनाओं में आम तौर से दो आपत्तियां केंद्रीय हैं। ...