कोरोना वैक्सीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में गूंजी "नो फोर्स्ड ड्रग्स" की आवाज, जानिए पूरा मामला

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 12, 2022 14:15 IST2022-02-12T14:07:09+5:302022-02-12T14:15:36+5:30

कोरोना वैक्सीन के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल बहुत से बच्चों ने अपने हाथों में "फ्री ऑस फ्रीडम नाउ" और "नो फोर्स्ड ड्रग्स" जैसे नारों के बैनरों को थाम रखा था। इस मामले में जानकारी देते हुए कैनबरा की पुलिस ने बताया कि लगभग 10,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया।

Voice of "No Forced Drugs" resonated in Australia against Corona Vaccine, know the whole matter | कोरोना वैक्सीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में गूंजी "नो फोर्स्ड ड्रग्स" की आवाज, जानिए पूरा मामला

कोरोना वैक्सीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में गूंजी "नो फोर्स्ड ड्रग्स" की आवाज, जानिए पूरा मामला

Highlightsऑस्ट्रेलिया में 16 साल से अधिक उम्र के करीब 94 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी हैविरोध प्रदर्शन पर ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि आदेश राज्यों का है, संघीय सरकार का नहींपीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा ऑस्ट्रेलिया स्वतंत्र है और जनता को विरोध करने का पूरा अधिकार है

सिडनी: कोरोना महामारी के कारण लागू विभिन्न तरह के प्रतिबंधों के खिलाफ दुनिया भर में उठ रही विरोध की आवाज में उस समय ऑस्ट्रेलिया की जनता का नाम भी शामिल हो गया, जब शनिवार को हजारों की तादात में नागरिकों ने सरकार के द्वारा लागू कोविड -19 वैक्सीन जनादेश को रद्द करने की मांग करते हुए राजधानी से संसद भवन तक मार्च किया।

प्रदर्शनकारियों ने संसद के बाहर भीड़ लगाने से पहले कैनबरा की सड़कों को पूरी तरह से जाम कर दिया। वहीं कुछ प्रदर्शानकारियों ने अपने हाथ में "संप्रभु नागरिकों" से जुड़े लाल ऑस्ट्रेलियाई ध्वज को लिया हुआ था, जिनका मानना हैं कि कोई भी राष्ट्रीय कानून उन पर लागू नहीं होता है।

इस प्रदर्शन में शामिल बहुत से बच्चों ने अपने हाथों में "फ्री ऑस फ्रीडम नाउ" और "नो फोर्स्ड ड्रग्स" जैसे नारों के बैनरों को थाम रखा था। इस मामले में जानकारी देते हुए कैनबरा की पुलिस ने बताया कि लगभग 10,000 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया।

वहीं प्रदर्शन के दौरान अव्यवस्था फैलाने के आरोप में पुलिस ने कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। जिनमें से एक ने जाम लगाने की मंशा से अपने ट्रक को सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया था। वहीं दो अन्य को शांति भंग के आरोप में पुलिस ने अपनी हिरासत में लिया।

जानकारी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से अधिक उम्र के करीब 94 फीसदी लोगों को स्वैच्छिक तरीके से कोविड वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। हालांकि आम तौर पर देश में प्रवेश करने वाले लोगों और बुजुर्गों की देखभाल जैसे जोखिम भरे कार्यों में लगे लोगों के लिए वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है।

वहीं इसके साथ ही कोरोना के कम होते प्रभाव को देखते हुए न्यू साउथ वेल्स जैसे कुछ ऑस्ट्रेलियाई राज्यों ने पब, रेस्तरां या दुकानों में एंट्री से पहले 'प्रूफ-ऑफ-वैक्सीन' दिखाने के शर्तों में ढील देना शुरू कर दिया है।

सरकार के नीतियों के खिलाफ इतने भारी प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा प्रदर्शनकारी शांतिपूर्वक तरीके से विरोध प्रदर्शन करें, यह उनका अधिकार है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन मई के मध्य तक ऑस्ट्रेलिया में आम चुनाव करना चाहते हैं।

जनता के विरोध प्रदर्शन से सहानभूति दिखाते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि वह प्रदर्शनकारियों की चिंताओं को अच्छी तरह से समझते हैं और इस बात पर जोर देते हैं कि टीके के लिए संघीय सरकार नहीं बल्कि राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं।

पत्रकारों से विरोध रैली के बारे बात करते हुए ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने कहा कि मेरा उनके लिए संदेश है कि ऑस्ट्रेलिया एक स्वतंत्र देश है और उन्हें विरोध करने का पूरा अधिकार है और मैं उनसे शांतिपूर्ण और सम्मानजनक तरीके से विरोध करने के लिए कहूंगा। जो लोग आज विरोध कर रहे हैं वे उन चीजों के लिए बोल रहे हैं जिनके बारे में उनकी सोच दृढ़ता के साथ मजबूत है।"

इसके अलावा मॉरिसन ने यह भी कहा कि वह बहुत स्पष्ट तरीके से कहना चाहते हैं कि संघीय सरकार ने केवल उन जनादेशों का समर्थन किया है जिसमें वृद्ध की देखभाल करने वाले, विकलांगों के लिए काम करने वाले या फिर उच्च जोखिम वाली स्वास्थ्य स्थितियों में काम करने वाले हैं।

अपनी बात को खत्म करते हुए प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अंत में यह भी कहा, "उसके अलावा अन्य लोगों के लिए टीकों का जनादेश है, वो राज्य सरकारों द्वारा लागू किए गए हैं।"

Web Title: Voice of "No Forced Drugs" resonated in Australia against Corona Vaccine, know the whole matter

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