Ukraine Crisis: भारत की लगातार अपील के बाद भी सुमी में छात्रों के लिए नहीं खुल रहा मानवीय गलियारा, UNSC में यूक्रेन और रूस पर जताई नाराजगी
By विशाल कुमार | Published: March 8, 2022 07:55 AM2022-03-08T07:55:22+5:302022-03-08T07:56:57+5:30
युक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि हमने भारतीयों सहित सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की अपनी तत्काल मांग को दोहराया है। हमें इस बात की गहरी चिंता है कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, सुमी में हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया।
न्यूयॉर्क: सोमवार को यूक्रेन-रूस युद्ध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों ही देशों से लगातार अपील करने के बावजूद यूक्रेन के सुमी में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए मानवीय गलियारा नहीं खोला गया।
उन्होंने कहा कि हमने भारतीयों सहित सभी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की अपनी तत्काल मांग को दोहराया है। हमें इस बात की गहरी चिंता है कि दोनों पक्षों से बार-बार आग्रह करने के बावजूद, सुमी में हमारे छात्रों के लिए एक सुरक्षित गलियारा नहीं बन पाया।
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति पुतिन दोनों से फोन पर बात की थी। अपनी बातचीत के दौरान, उन्होंने युद्धग्रस्त यूक्रेन के सूमी में फंसे भारतीय छात्रों के लिए सुरक्षित निकासी का मुद्दा उठाया था।
बता दें कि, वर्तमान में यूक्रेन के उत्तर-पूर्व में शहर में लगभग 700 भारतीय जिनमें ज्यादातर सूमी स्टेट यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेजों के छात्र हैं, फंसे हुए हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को सुमी से भारतीयों को सुरक्षित निकालने में हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।
सोमवार को यूएनएससी की बैठक में टीएस तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि भारत सभी हमलों को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता रहा है। हमारे पीएम ने एक बार फिर दोनों पक्षों के नेतृत्व से बात की और तत्काल युद्धविराम और दोनों की आवश्यकता के लिए हमारे आह्वान को दोहराया।
इस मौके पर तिरुमूर्ति ने युद्ध में एक भारतीय छात्र की मौत पर दुख जताया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, पिछले 11 दिनों में 15 लाख शरणार्थियों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में शरण मांगी है।
उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, अब तक 140 से अधिक नागरिक मारे जा चुके हैं, जिनमें एक युवा भारतीय छात्र भी शामिल है। भारत उनके निधन पर शोक व्यक्त करता है और हम उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। हम संघर्ष में प्रत्येक नागरिक के जीवन के नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं।
बता दें कि, रूस ने नागरिकों को निकालने के लिए सोमवार सुबह से संघर्ष-विराम के साथ सुमी सहित कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की है। हालांकि, गलियारों की नई घोषणा के बाद भी रूसी सेना ने कुछ यूक्रेनी शहरों पर रॉकेट हमला जारी रखा और कुछ क्षेत्रों में भयंकर लड़ाई जारी रही।