पीएम मोदी को मुस्लिम देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिलना पाकिस्तान की सबसे बड़ी कूटनीतिक हार है!
By विकास कुमार | Published: April 5, 2019 01:32 PM2019-04-05T13:32:41+5:302019-04-05T13:32:41+5:30
नरेन्द्र मोदी ने मध्य-पूर्व को लेकर भारतीय विदेश नीति पर चढ़े धूल की परतों को हटाने का काम किया है. 2016 में सऊदी अरब ने भी पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था.
संयुक्त अरब अमीरात ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने का फैसला किया है. 'जायेद मेडल' यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है जिसे वहां सेना के लोगों, वैज्ञानिकों और शाही परिवार से संबंधित लोगों को उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया जाता है.
पीएम मोदी ने भी सम्मान के ऐलान के बाद यूएई के क्राउन प्रिंस का शुक्रिया अदा किया है. वहीं भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर कहा है कि भारत के महान सपूत नरेन्द्र मोदी को यह पुरस्कार देकर यूएई ने पूरे भारत के लोगों का मान बढ़ाया है.
यूएई ने कहा है कि भारत के साथ हमारे ऐतिहासिक और रणनीतिक रिश्ते रहे हैं. पीएम मोदी को भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है. पीएम मोदी पहली बार 2015 में यूएई के दौरे पर गए थे जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा 34 वर्षों के बाद किया गया पहला दौरा था. बीते साल फरवरी महीने में भी यूएई के दौरे पर पीएम मोदी गए थे.
नरेन्द्र मोदी ने मध्य-पूर्व को लेकर भारतीय विदेश नीति पर चढ़े धूल की परतों को हटाने का काम किया है. 2016 में सऊदी अरब ने भी पीएम मोदी को अपने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया था. 'इंटरनेशनल योगा डे' का समर्थन करने का मामला हो या इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना हो यूएई ने पिछले 5 वर्षों में भारतीय संस्कृति और परंपरा को अपनाने का काम किया है.
पाकिस्तान दोराहे पर
हाल के वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध 1971 के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. पाकिस्तान द्वारा निर्यातित आतंकवाद का जवाब भारतीय सेना पाकिस्तान में घुस कर दे रही है. ऐसे में यह सम्मान मिलना पाकिस्तान की कूटनीतिक हार को दिखाता है. क्योंकि यूएई और सऊदी अरब पाकिस्तान के परंपरागत मित्र रहे हैं. कश्मीर के मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण पाकिस्तान इन्हीं दो देशों के सहारे करता रहा है. लेकिन दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान की अहमियत अब इन देशों के सामने एक असहाय देश के रूप में बन चुकी है.
भारत की बढ़ती सामरिक ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एयरस्ट्राइक के बाद हुए ओआइसी सम्मलेन में सुषमा स्वराज को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया. मुस्लिम देशों के इस सम्मलेन का पाकिस्तान ने बहिष्कार कर दिया था. पहले सर्जिकल स्ट्राइक और बाद में भारतीय वायु सेना द्वारा किए गए एयरस्ट्राइक का किसी भी मुस्लिम देश ने विरोध नहीं किया जबकि कुछ देश भारत के समर्थन में आ गए.
भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक रिश्ते
यूएई और भारत के बीच 2017 में कूल 50 अरब डॉलर का व्यापार हुआ. भारत ने 28 अरब डॉलर का निर्यात किया और 22 अरब डॉलर का आयात. यूएई में कूल 26 लाख भारतीय रहते हैं जो हर साल 12 अरब डॉलर की राशि भारत भेजते हैं. सऊदी अरब में कूल 30 लाख भारतीय कामगार हैं. हाल ही में भारत दौरे पर आये सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पीएम मोदी को 100 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है. हाल के वर्षों में खाड़ी के देशों ने भारत के साथ अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम देने का काम किया है.