लंदन: ब्रिटेन की कैबिनेट मंत्री सुएला ब्रेवरमैन (Suella Braverman) को एक इंटरव्यू में बाल यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाते हुए देखा गया है। इस इंटरव्यू का एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह यह कहते हुए नजर आ रही है कि ब्रिटेन में ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुष के गिरोह सक्रिय है जो इस तरह के अपराध में शामिल होते है।
वीडियो में कैबिनेट मंत्री सुएला को यह भी कहते हुए सुना गया है कि हमने गोरी अंग्रेज लड़कियों को ब्रिटिश-पाकिस्तानी पुरुषों के गिरोह द्वारा शोषित होते देखा है। उनके अनुसार, यहां पर ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुष के गैंग होते है जो लड़कियों को ड्रग्स देकर उनका शोषण करते है। सुएला ब्रेवरमैन ने यह भी बताया है कि वे इसे रोकने के लिए एक कानून लाने जा रही है जिससे इस मुद्दे पर चुप्पी साधने वालों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जा सकेगी।
बाल यौन शोषण पर क्या बोली सुएला ब्रेवरमैन
ब्रिटेन में बाल यौन शोषण पर बोलते हुए स्काई न्यूज से बात करते हुए सुएला ब्रेवरमैन ने कहा कि "हमने देखा है, कि कमजोर, गोरी और अंग्रेजी लड़कियों को, जो कभी कभी चुनौतीपूर्ण स्थिति में होती हैं, उनका गिरोह बनाकर पीछा किया जाता है और गिरोह बनाने वाले लोगों में ब्रिटिश पाकिस्तानी होते हैं और ये गोरी लड़कियों से बलात्कार करते हैं, उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं। उन्हें ड्रग्स देते हैं और इनमें वो लोग शामिल होते हैं, जो बाल शोषण नेटवर्क में काम करते हैं और ये ब्रिटिश पाकिस्तानी होते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि "यूके की पुलिस ज्यादातर समय नस्लीय होने के आरोप के डर से, किसी धर्म के खिलाफ कहे जाने के डर से, राजनीति के डर से, ऐसे घटनाओं पर कार्रवाई करने से मुंह मोड़ लेती है। ऐसे आरोपियों में सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक भी शामिल होते हैं, और ये पाकिस्तानी मूल के होते हैं।"
इन लोगों को नहीं जाएगा बख्शा- ब्रिटेन की गृह मंत्री
इस मुद्दे पर बीबीसी से बात करते हुए ब्रिटेन की गृह मंत्री ने कहा था कि "ये अपराधी पुरुषों के समूह हैं और इनमें करीब करीब सभी ब्रिटिश पाकिस्तानी शामिल हैं, जो ब्रिटिश मूल्यों के साथ पूरी तरह से असंगत सांस्कृतिक दृष्टिकोण रखते हैं। उनकी गतिविधियों के खुले रहस्य होने के बावजूद, उन्हें उनके समुदायों और व्यापक समाज, दोनों के भीतर उन्हें चुनौती नहीं दी गई है।"
चुप रहने वालों पर बोलते हुए यूके की गृहमंत्री ने कहा है कि "जानबूझकर लोगों ने चुप्पी साध रखी है और बच्चियों के साथ होने वाले दुर्वव्यहार पर चुप्पी साध ली जाती है, जिनसे ऐसे लोगों का मनोबल और बढ़ रहा है"। उनके अनुसार, अब वे ऐसा कानून बनाने जा रही है जिससे "यूके की बच्चियों के नजदीक रहकर काम करने वाले लोगों, जिनमें टीचर और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं, उन्हें भी बख्शा नहीं जाएगा।"