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क्या पंजशीर में कमजोर पड़ गया है प्रतिशोध बल , अहमद मसूद ने युद्ध खत्म कर तालिबान से बातचीत की रखी पेशकश

By दीप्ती कुमारी | Updated: September 6, 2021 12:45 IST

पंजशीर के हालात को देखते हुए अहमद मसूद ने तालिबान के सामने जंग खत्म करने का प्रस्ताव रखा है । बातचीत से पहले मसूद ने पंजशीर और अंदराब में तालिबानी हमले रोकने की शर्त रखी है ।

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ठळक मुद्देअहमद मसूद ने तालिबान से बातचीत की रखी पेशकश पंजशीर में रेजिस्टेंस फोर्स ने युद्धविराम की बात कही तालिबान का एक धड़ा रेजिस्टेंस फोर्स के विद्रोहियों को सजा देना चाहता है

काबुल : अफगानिस्तान के पंजशीर में रेजिस्टेंस फोर्स यानि अहमद मसूद का गुट तालिबान के सामने कमजोर पड़ता नजर आ रहा है ।  सूत्रों के मुताबिक पंजशीर के हालात को देखते हुए अहमद मसूद ने तालिबान के सामने जंग खत्म करने का प्रस्ताव रखा है । बातचीत से पहले मसूद ने पंजशीर और अंदराब में तालिबानी हमले रोकने की शर्त रखी है । 

खबरों के मुताबिक तालिबान इस समय मजबूत स्थिति में है । तालिबानी लड़ाके पंजशीर में ताकत के दम पर कब्जा चाहते हैं ।  लड़ाई मसूद ने शुरू की थी, इसलिए तालिबानी लड़ाकों में गुस्सा है ।  तालिबान का एक धड़ा रेजिस्टेंस फोर्स के विद्रोहियों को सजा देना चाहता है ।  तालिबान का दावा है कि उनके लड़ाके पंजशीर गवर्नर के दफ्तर में दाखिल हो गए हैं । 

रविवार को रेजिस्टेंस फोर्स को बड़ा झटका लगा है ।  जानकारी के मुताबिक, तालिबान से जंग से बीच रेजिस्टेंस फ्रंट के प्रवक्ता और घाटी में तालिबान से लोहा ले रहे अहमद मसूद के करीबी फहीम दश्ती की मौत हो गई है ।  पत्रकार रह चुके फहीम पंजशीर के प्रवक्ता भी थे ।  उनके अलावा मसूद परिवार से जुड़े कमांडर भी मारे गए हैं ।  इनमें गुल हैदर खान, मुनीब अमीरी और जनरल वूदाद शामिल हैं । तालिबान सूत्रों ने पंजशीर के कई शीर्ष कमांडरों के मारे जाने की पुष्टि की थी ।  अब मसूद गुट ने भी इसकी पुष्टि कर दी है ।  इस बीच बीबीसी पत्रकार बिलाल सरवरी ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह जिस घर में ठहरे थे, उस पर हेलीकॉप्टर से हमला हुआ है। सालेह को सुरक्षित ठिकाने पर ले जाया गया है ।  रेजिस्टेंस फोर्स के प्रमुख अहमद मसूद  पिछले तीन दिनों से तजाकिस्तान में है ।

अमरुल्लाह सालेह ने इस बीच संयुक्त राष्ट्र यूएन को पत्र भी लिखा है. इसमें कहा गया है कि पंजशीर में तालिबान ने जरूरी सामानों की सप्लाई रोक दी है, जिससे अमानवीय संकट पैदा हो गया है. आगे कहा गया है कि अगर यूएन ने उनकी बातों को नजरअंदाज किया तो पंजशीर में मानवीय तबाही हो जाएगी। आगे पंजशीर में तालिबान के हाथों नरसंहार का खतरा जताया गया है ।  इधर, तालिबान के मुल्ला बरादर ने भी रविवार को काबुल में संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार से जुड़े मामलों के सचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स से मुलाकात की । 

टॅग्स :अफगानिस्तानतालिबानKabulResistance Force
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