काबुल : अफगानिस्तान का एख मात्र प्रांत तमाम कोशिशों के बाद भी तालिबान की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा है । पंजशीर में तालिबान की तमाम कोशिशें नाकाम हो रही है । तालिबान ने यह दावा किया कि अमरुल्लाह सालेह देश छोड़कर भाग गया है लेकिन उसके कुछ ही घंटों बाद देश के 'कार्यवाहक' राष्ट्रपति ने शुक्रवार को एक ऑडियो संदेश जारी कर स्पष्ट किया कि वह पंजशीर में है।
बीबीसी के साथ एक वॉयस कॉल में, अमरुल्ला सालेह ने उनके अफगानिस्तान से भागने की खबरों को "बिल्कुल निराधार" बताया । उन्होंने कहा कि वह पंजशीर घाटी में अपने अड्डे से बोल रहे थे और अपने कमांडरों और राजनीतिक नेताओं के साथ थे । उन्होंने कहा, "हम स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं । बेशक, यह एक कठिन स्थिति है। हमने तालिबान, पाकिस्तान, अल-कायदा और अन्य आतंकवादी समूहों द्वारा अफगानिस्तान पर आक्रमण देखा है ।"
सालेह ने आगे कहा कि "प्रतिरोध बलों" ने अपनी जमीन पकड़ ली है और पंजशीर में कोई क्षेत्र नहीं खोया है । उन्होंने कहा, "पिछले 4-5 दिनों में तालिबान ने घाटी में अपना आक्रमण शुरू किया है लेकिन अब तक उन्हें कोई खास फायदा नहीं हुआ है।"
'कार्यवाहक' राष्ट्रपति ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तानी सेना तालिबान के साथ मिली हुई थी और अफगानिस्तान पर आक्रमण में उसकी सहायता कर रही थी । टोलो न्यूज ने अमरुल्ला सालेह का एक वीडियो फुटेज भी जारी किया, जिसमें कहा गया था कि वह पंजशीर में है और अफगानिस्तान से नहीं भागा है जैसा कि तालिबान ने पहले बताया था ।
इससे पहले दिन में, तालिबान ने दावा किया था कि सालेह प्रतिरोध बल के कमांडरों के साथ अफहगानिस्तान छोड़कर भाग गया है । समूह ने कहा कि वे दो विमानों से पंजशीर से ताजिकिस्तान भाग गए ।
अफगान प्रतिरोध बल के साथ गतिरोध के दौरान भारी हताहत हुए तालिबान ने पंजशीर प्रांत पर हमला करने के लिए इस्लामिक चरमपंथी अल-कायदा के साथ हाथ मिलाया है । अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही तालिबान पंजशीर को भी अपने अधिकार में लाने की कोशिश में लगा हुआ लेकिन अबतक उसे कोई सफलता नहीं मिली है । तालिबान जल्द ही अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने जा रहा है ।