इस्लामाबादः पाकिस्तान की ट्रांसजेंडर पुलिस अफसर नायाब अली ने अपने एक अधिकारी पर जान से मारने का आरोप लगाया है। नायाब अली ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अधिकारी ने उनपर दो बार हमले किए। उनपर गोलियां चलाई और जान से मारने की कोशिश की। नायाब ने इस्लामाबाद के रमना थाने से एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने अपने उपर हुए हमले का जिक्र किया है। इसे साझा करते हुए कहा है कि जब उनपर हमला हुआ तो किसी और अधिकारी ने बीचबचाव भी नहीं किया।
नायाब अली ने बताया है कि इस्लामाबाद के रमना थाने में एक पुलिस अधिकारी ने उनपर हमला तब किया जब वह एक विक्टिम के साथ थाने पहुंची। नायाब वर्तमान में ट्रांसजेंडर अपराध इकाई इस्लामाबाद पुलिस में बतौर प्रभारी कार्यरत हैं। वीडियो में नायाब बताती हैंः इस्लामाबाद पुसिस का जो ट्रांसजेंडर प्रोटक्शन यूनिट है उसको देखती हूं, उसको चलाती हूं। आज मैं एक विक्टिम के साथ रमना थाने में आई तो यहां मुझपर कातिलाना हमला हुआ। मुझपर गोली चलाई गई। और मुझे जान से मारने की कोशिश की गई।
वीडियो में नायाब आगे कहती हैं- मैं अभी भी थाने के अंदर मौजूद हूं। अगर मेरे अफसर होने पर भी मुझपर इस तरह से कातिलाना हमला हो रहा है तो, मेरी बहनों के साथ क्या हो रहा होगा। नायाब अली ने कहा कि मेरे जो साथी हैं उन्हें ना तो अंदर आने दिया जा रहा है और ना ही मुझे बाहर जाने दिया जा रहा है।
नायाब को उनपर हुए हमले को लेकर पूरे पाकिस्तान के LGBT समुदाय का समर्थन मिल रहा है। अफसर पर कार्रवाई की मांग को लेकर रमना थाने के बाहर भारी संख्या में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग इकट्ठा हुए हैं। लोगों ने ट्विटर पर पाकिस्तान सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है और आरोपी पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई को कहा है।
बता दें नायाब अली एकमात्र पाकिस्तानी ट्रांसजेंडर महिला हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के नाम का प्रचार किया है। उन्हें छह अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं, जिनमें मानवाधिकार और कानून के शासन के लिए फ्रेंको-जर्मन पुरस्कार और ट्रांसजेंडर समुदाय में उनके जबरदस्त योगदान के लिए 50+ राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।
वह एक शोधकर्ता, लेखक, प्रसिद्ध मानवाधिकार रक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनके पास लैंगिक समानता, आजीविका और आर्थिक सशक्तिकरण पर काम करने का 10 साल का पेशेवर अनुभव है। वह वर्तमान में प्रभारी ट्रांसजेंडर अपराध इकाई इस्लामाबाद पुलिस के रूप में कार्यरत हैं।
हाल ही में, नायाब को उनके काम के लिए भारत द्वारा एक वैश्विक पुरस्कार की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि भारत को कश्मीरियों के खिलाफ अपने अत्याचारों को रोकना चाहिए। वह सभी मंचों पर ट्रांसजेंडर समुदाय का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए 2018 में एनए-142 ओकारा से राष्ट्रीय चुनाव लड़ने वाली पाकिस्तान की पहली ट्रांसजेंडर हैं।