इस्तांबुल: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस्तांबुल में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन से मुलाकात की और हाल ही में नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच हुए सैन्य संघर्ष के दौरान उनके समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया। यह मुलाकात ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को तुर्की द्वारा दिए गए समर्थन को लेकर भारत और तुर्की के बीच कूटनीतिक तनाव के बीच हुई है।
शरीफ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आज शाम इस्तांबुल में अपने प्रिय भाई राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन से मिलने का सौभाग्य मिला। हाल ही में पाकिस्तान-भारत गतिरोध में पाकिस्तान को उनके दृढ़ समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को भारी जीत मिली, अल्हम्दोलिल्लाह! पाकिस्तान के लोगों की ओर से अपने तुर्की भाइयों और बहनों के प्रति आभार व्यक्त किया।"
उन्होंने कहा, "हमने व्यापार और निवेश के क्षेत्र में अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति की भी समीक्षा की और भाईचारे और सहयोग के इन अटूट बंधनों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के अपने संकल्प की फिर से पुष्टि की। पाकिस्तान तुर्की दोस्ती अमर रहे।"
शरीफ के पोस्ट का जवाब देते हुए एर्दोगन ने कहा कि दोनों नेताओं ने अर्थव्यवस्था, व्यापार और सुरक्षा सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने लिखा, "हमने सभी क्षेत्रों में तुर्की और पाकिस्तान के बीच गहरे ऐतिहासिक, मानवीय और राजनीतिक संबंधों को बढ़ाने के अपने दृढ़ संकल्प की फिर से पुष्टि की और उसे मजबूत किया।"
उन्होंने कहा, "जैसा कि मेरे प्रिय भाई @CMShehbaz ने कहा, हमने अपने देशों और लोगों के बीच अटूट बंधन, सहयोग, एकजुटता और भाईचारे को और मजबूत किया है। मैं श्री शरीफ के माध्यम से अपने पाकिस्तानी भाइयों के प्रति अपना हार्दिक स्नेह व्यक्त करता हूं। मैं उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को उनकी यात्रा के लिए धन्यवाद देता हूं। हमारा प्रभु हमारी एकता, एकजुटता और भाईचारे को चिरस्थायी बनाए रखे..."
भारत-तुर्की तनाव
भारत और तुर्की के बीच तनाव तब और बढ़ गया जब तुर्की ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच चार दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का समर्थन किया। पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान तुर्की निर्मित ड्रोन का भी इस्तेमाल किया, जिससे तनाव और बढ़ गया।
भारत ने गुरुवार, 22 मई को कहा कि वह तुर्की से अपेक्षा करता है कि वह पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद को समर्थन बंद करने और आतंकवादी तंत्र के खिलाफ कार्रवाई करने का 'दृढ़तापूर्वक आग्रह' करेगा।