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आरएनए आधारित नई थेरेपी चूहों को कोरोना वायरस और उसके दूसरे स्वरूपों से बचाने मे कारगर : अध्ययन

By भाषा | Updated: November 11, 2021 14:14 IST

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वाशिंगटन, 11 नवंबर अनुसंधानकर्ताओं ने ऐसे आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) अणु की पहचान की है जो शरीर की वायरस रोधी शुरुआती रक्षा प्रणाली को प्रेरित करता है, और चूहों को कोविड-19 बीमारी के लिए जिम्मेदार वायरस सार्स-सीओवी-2 के कई स्वरूपों से बचा सकता है।

अध्ययन उन लोगों में कोविड-19 के नये उपचारों का मार्ग खुल सकता है जिनका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है और उन विकासशील देशों के लिए किफायती थेरेपी उपलब्ध करा सकता है जिनकी टीके तक पहुंच कम है।

सार्स-सीओवी-2 के खिलाफ शुरुआती शारीरिक रक्षा प्रणाली - एंटीबॉडी और टी कोशिकाओं की भागीदारी से पहले - आरआईजी-1 जैसे रिसेप्टर अणुओं पर निर्भर होता है जो वायरस की आनुवंशिक सामग्री को पहचानते हैं और टाइप1 इंटरफेरॉन्स जैसे प्रोटीन के संकेत उत्पन्न करने को प्रेरित करते हैं।

अमेरिका में ‘येल स्कूल ऑफ मेडिसिन’ के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि ये इंटरफेरॉन प्रोटीन बनने को बढ़ावा देते हैं जो विषाणुओं की संख्या बढ़ाने वाले वायरस के प्रजनन को रोक सकते हैं और संक्रमण से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा कोशिकाओं को बनााने को प्रोत्साहित कर सकते हैं।

कई अध्ययनों में सुझाया गया है कि इंटरफेरॉन का जल्दी और मजबूत तरीके से बनना कोविड-19 से बचाता है, जबकि देरी से उत्पादन गंभीर बीमारी से जुड़ा है।

यह अध्ययन ‘जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल मेडिसन’ में बुधवार को प्रकाशित हुआ।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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