मालदीव के नए राष्ट्रपति ने भारत से अपनी सैन्य उपस्थिति हटाने के लिए कहा, चीन का बढ़ सकता है प्रभाव
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 27, 2023 07:59 PM2023-10-27T19:59:04+5:302023-10-27T20:00:31+5:30
मोहम्मद मुइज्जू से पहले के मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह भारत समर्थक माने जाते थे। उनके प्रतिद्वंदी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन जो चीन समर्थक माने जाते हैं वह अब जेल में हैं लेकिन चुनावों में अब्दुल्ला यामीन समर्थित मोहम्मद मुइज्जू के गठबंधन को जीत मिली थी।
नई दिल्ली: हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से बेहद अहम स्थान पर मौजूद द्वीप देश मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सत्ता में आते ही अपनी भारत विरोधी योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है। मोहम्मद मुइज्जू ने चुनावों के समय घोषणा की थी कि सत्ता में आने के बाद देश में नाम मात्र की संख्या में मौजूद भारतीय सैनिकों को बाहर कर दिया जाएगा। अब शुक्रवार को ब्लूमबर्ग न्यूज द्वारा प्रकाशित एक साक्षात्कार में कहा गया है कि मालदीव ने अपनी सैन्य उपस्थिति को हटाने के लिए भारत के साथ बातचीत शुरू कर दी है।
बता दें कि पिछले महीने राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह को अपदस्थ करने वाले मुइज्जू ने कहा था कि भारतीय सैनिकों को हटाना एक प्रमुख प्राथमिकता होगी। फिलहाल लगभग 70 भारतीय सैन्यकर्मी मालदीव में मौजूद हैं। भारत ने मालदीव में कुछ डार स्टेशन बनाए हैं जो भारतीय युद्धपोतों को मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्र में गश्त करने में मदद करते हैं।
बता दें कि मोहम्मद मुइज्जू से पहले के मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह भारत समर्थक माने जाते थे। उनके प्रतिद्वंदी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन जो चीन समर्थक माने जाते हैं वह अब जेल में हैं लेकिन चुनावों में अब्दुल्ला यामीन समर्थित मोहम्मद मुइज्जू के गठबंधन को जीत मिली थी। भारत ने मालदीव को साल 2010 और 2013 में दो हेलिकॉप्टर और साल 2020 में एक छोटा विमान तोहफ़े में दिया था। मालदीव के सुरक्षा बलों ने बताया कि इन हेलिकॉप्टरों और विमान के संचालन के लिए क़रीब 75 भारतीय सैनिक मालदीव में मौजूद हैं। मालदीव के चुनावों में इस मामले की खूब चर्चा हुई थी।
हाल ही में बीबीसी को दिए एक साक्षात्कार में मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने कहा था, "मालदीव में तैनात प्रत्येक भारतीय सैनिक को यहाँ से हटा दिया जाना चाहिए। इन भारतीय सैनिकों की मौजूदगी से मालदीव की सुरक्षा को ख़तरा पैदा हो सकता है। मालदीव वैश्विक शक्ति संघर्ष में उलझने के लिए बहुत छोटा है। हम इसमें नहीं उलझेंगे। मैं मालदीव समर्थक व्यक्ति हूं। मेरे लिए, मालदीव सबसे पहले है। हमारी स्वतंत्रता सबसे पहले है। मैं ना ही किसी देश के साथ हूं और ना ही किसी के ख़िलाफ हूं।"