पाकिस्तान की हुई 'खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे' जैसी, कहा- जम्मू-कश्मीर में आकस्मिक युद्ध की आशंका
By रामदीप मिश्रा | Published: September 13, 2019 01:20 PM2019-09-13T13:20:41+5:302019-09-13T13:43:39+5:30
Jammu Kashmir Article 370: पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। कुरैशी की टिप्पणी ऐसे समय में आई थी जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार कश्मीर को लेकर भारत के साथ परमाणु युद्ध की संभावना को ले कर धमकी देते रहे थे।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान की 'खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे' जैसी स्थिति हो गई है और वह भारत को लगातार घुड़की दे रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर आकस्मिक युद्ध की और इशारा किया है।
शाह महमूद कुरैशी ने बुधवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनका मानना है कि पाकिस्तान और भारत दोनों एक संघर्ष के परिणामों को समझते हैं, लेकिन 'आकस्मिक युद्ध' से इंकार नहीं किया जा सकता है। अगर स्थिति बनी रहती है ... तो कुछ भी संभव है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट क्षेत्र का दौरा करने के लिए उत्सुक दिखाई दिए थे। कुरैशी ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर की स्थिति की अंतर्राष्ट्रीय जांच के लिए मिशेल को फोन किया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने मिशेल के साथ बात की थी और उन्हें भारतीय और पाकिस्तानी दोनों हिस्सों का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया था। उन्हें दोनों जगहों पर जाना चाहिए और उतनी ही निष्पक्षता के साथ रिपोर्ट करना चाहिए, जितना कि दुनिया को पता है कि सही स्थिति क्या है।
बता दें कि इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। कुरैशी की टिप्पणी ऐसे समय में आई थी जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बार-बार कश्मीर को लेकर भारत के साथ परमाणु युद्ध की संभावना को ले कर धमकी देते रहे थे। इस मामले का अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने का उनका प्रयास ज्यादा समर्थन हासिल करने में विफल रहा था।
भारत ने अपने आंतरिक मुद्दों पर ‘‘गैरजिम्मेदाराना बयान" देने और उकसाने वाली भारत विरोधी बयानबाजी के लिए पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी। भारत ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करना उसका आंतरिक मामला है।
गौरतलब है कि भारत ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द कर दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया।