वाशिंगटनः अमेरिका के वाणिज्य मंत्री हावर्ड लुटनिक ने कहा कि सैन्य उपकरणों के लिए रूस पर भारत की पारंपरिक निर्भरता ने पहले वाशिंगटन के साथ नई दिल्ली के संबंधों को खराब किया है। हालांकि, उन्होंने दोहराया कि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को "बहुत दूर के भविष्य में" अंतिम रूप दिया जा सकता है। कुछ ऐसी चीजें थीं जो भारत सरकार ने कीं, जो आम तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका को नापसंद थीं। उदाहरण के लिए आप आम तौर पर रूस से अपने सैन्य उपकरण खरीदते हैं। अगर आप रूस से अपने हथियार खरीदने जा रहे हैं, तो यह अमेरिका को परेशान करने का एक तरीका है।
लो जी। अमेरिका की नाराजगी की वजह भी सामने आ गई। ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में जो लोग वजह पूछ रहे थे उनके लिए यह जानना जरुरी है कि खुद अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटकिन कह रहे कि अमेरिका नाराज़ इसलिए है क्योंकि भारत आमतौर पर सैन्य हथियार रूस से खरीदता है। इसलिए दोस्ती-वोस्ती कुछ नहीं, सब सौदागिरी है।
लुटनिक ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच निकट भविष्य में व्यापार समझौते होने की उम्मीद है क्योंकि दोनों देशों के बीच समझौते के प्रारूप को लेकर सहमति बन गई है। लुटनिक ने सोमवार को यहां अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (यूएसआईएसपीएफ) नेतृत्व शिखर सम्मेलन के आठवें संस्करण में अपने मुख्य भाषण में कहा कि जब दोनों ओर से सही लोग वार्ता के सामने आते है तो लगता है कि यह दोनों के लिए उचित होता है। उन्होंने कहा, ‘‘आप निकट भविष्य में अमेरिका और भारत के बीच एक समझौते की उम्मीद कर सकते हैं।
देशों के बीच समझौते के ऐसे प्रारूप को लेकर सहमति बन गई है जो दोनों के लिए हितकारी है।’’ लुटनिक ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर कहा कि वह इसे लेकर बेहद आशावादी हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि भारत के लोगों में जोश व महत्वाकांक्षा है और इसीलिए इसकी अर्थव्यवस्था हमेशा फूलती-फलती रहेगी।
अमेरिका के वाणिज्य मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि (अमेरिका के) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के बड़े प्रशंसक हैं और उसका बहुत सम्मान करते हैं। दोनों देशों के ‘‘एक दूसरे के साथ बेहतरीन संबंध’’ बनने जा रहे हैं। अमेरिका में जारी वीजा और आव्रजन चर्चाओं की पृष्ठभूमि में भारतीय प्रतिभाओं पर एक सवाल के जवाब में लुटनिक ने कहा कि अमेरिका में भारतीय उद्यमियों की सफलता, भारतीय राष्ट्रीयता के व्यक्ति अमेरिका की कई ‘‘ बड़ी गाथाओं ’’ का नेतृत्व और संचालन इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि ‘‘वे शानदार उद्यमी हैं, शानदार व्यवसायी हैं, बुद्धिमान हैं, विचारशील हैं, हर तरह का ज्ञान रखते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन मुझे लगता है कि अमेरिका के लिए आव्रजन का सामान्य मार्ग बदल रहा है। ट्रंप कार्ड सामने आ रहा है। मुझे उम्मीद है कि ट्रंप कार्ड लोगों के लिए अमेरिका आने का एक बहुत बड़ा अवसर उत्पन्न करेगा।’’ वह ‘ग्रीन कार्ड’ की तर्ज पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर के ‘ट्रंप गोल्ड कार्ड’ का जिक्र कर रहे थे, जो विदेशियों के लिए अमेरिका में रहने और काम करने की प्रक्रिया को तेज करेगा।
भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर अपने दृष्टिकोण पर लुटनिक ने कहा कि यह असामान्य बात है कि राष्ट्रपति ट्रंप प्रशासन में इकलौते व्यक्ति हैं जिन्हें पूरे अमेरिका ने चुना है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत की जनता ने चुना है।