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भारत वियतनाम को मिसाइल से लैस युद्धक पोत 'आईएनएस कृपाण' सौंपेगा, चीन को दबंगई का मिलेगा जवाब

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 22, 2023 3:46 PM

भारतीय नौसेना ने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी को स्वदेश निर्मित इन-सर्विस मिसाइल कार्वेट का हस्तांतरण समान विचारधारा वाले भागीदारों की उनकी क्षमता को बढ़ाने में सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी की मिसाइल से लैस पोत है।

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ठळक मुद्देभारत मिसाइल से लैस युद्धक पोत ‘आईएनएस कृपाण’ को शनिवार को वियतनाम को सौंपेगा यह भारत और वियतनाम के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता हैनौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार युद्धक पोत सौंपने के लिए कैम रैन में समारोह की अध्यक्षता करेंगे

नई दिल्ली: हिंद महासागर में चीन की अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश से निपटने के लिए भारत हर तरह के उपाय कर रहा है। इस क्रम में भारत चीन के उन पड़ोसियों को भारत में में बने सैन्य सामान भी उपलब्ध करा रहा है जो चीनी दबंगई का शिकार हैं। यही कारण है कि भारत मिसाइल से लैस युद्धक पोत ‘आईएनएस कृपाण’ को शनिवार को वियतनाम को सौंपेगा।

यह पोत अभी भी सेवा में है। यह भारत और वियतनाम के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। अधिकारियों ने कहा कि नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार युद्धक पोत सौंपने के लिए कैम रैन में समारोह की अध्यक्षता करेंगे। नौसेना प्रमुख कुमार वर्तमान में वियतनाम की यात्रा पर हैं। भारत पहली बार किसी मित्रवत देश को कोई सेवारत पोत उपहार में दे रहा है।

भारतीय नौसेना ने कहा कि वियतनाम पीपुल्स नेवी को स्वदेश निर्मित इन-सर्विस मिसाइल कार्वेट का हस्तांतरण समान विचारधारा वाले भागीदारों की उनकी क्षमता को बढ़ाने में सहायता करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आईएनएस कृपाण स्वदेश निर्मित खुकरी श्रेणी की मिसाइल से लैस पोत है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पिछले महीने की गई घोषणा के अनुरूप पोत को वियतनाम को उपहार के तौर पर दिया जा रहा है।

आईएनएस कृपाण 28 जून को भारत से वियतनाम के लिए रवाना हुआ था और 8 जुलाई को वियतनाम के कैम रान्ह पहुंचा था। एडमिरल कुमार हाई फोंग में वियतनाम पीपुल्स नेवी के मुख्यालय का भी दौरा करेंगे और वियतनाम के रक्षा मंत्री से मुलाकात करेंगे। नौसेना ने एक बयान में कहा, "नौसेना प्रमुख की यात्रा भारतीय नौसेना और वियतनाम पीपुल्स नेवी के बीच उच्च स्तर की द्विपक्षीय रक्षा भागीदारी के साथ-साथ क्षेत्र में 'आसियान केंद्रीयता' की भारत की मान्यता का प्रतीक है।"

‘आईएनएस कृपाण’ के वियतनमी नौसेना में शामिल होने से हिंद महासागर में देश को चीनी दबंगई से निपटने में मदद मिलेगी। इससे समंदर के बड़े हिस्से पर नजर भी रखी जा सकेगी। वियतनाम के अभी तक ऐसे आधुनिक पोतों के संचालन का अनुभव भी नहीं है और अब ‘आईएनएस कृपाण’ के संचालन से उसकी नौसेना को इस तरह के युद्धपोतों के संचालन का अनुभव भी मिलेगा। आई.एन.एस. किरपाण भारतीय नौसेना की सबसे अहम और तेज युद्धपोतों में से एक है जो धरती से आकाश में मिसाइल लांच कर सकती है, इस पर एक हैलीकाप्टर लैंडिंग पैड भी बना हुआ है। 

टॅग्स :भारतीय नौसेनाVietnamचीननेवी
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