अबूधाबीः संयुक्त अरब अमीरात में पहले पारम्परिक हिंदू मंदिर की बुनियाद का काम अगले महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा।
बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) की ओर से अबू धाबी में 45 करोड़ दिरहम (करीब 888 करोड़ रुपये) की लागत से इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। अबू धाबी के अबू मुरेईखाह पर 27 एकड़ में इस मंदिर का क्षेत्र फैला है।
निर्माण का काम फाइनल स्टेज में है जो ग्राउंड लेवल से 4.5 मीटर ऊपर है। इस फाउंडेशन में दो सुरंग हैं। इन सुरंगों के लिए पत्थर भारत से आए हैं। इन पत्थरों को बिछाने का काम अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगा। फाउंडेशन का काम अप्रैल के अंत तक खत्म होने के बाद मई के महीने से तराशे हुए पत्थर असेम्बल करने का काम शुरू हो जाएगा।
हाथों से तराशे गए इन पत्थरों में भारत की समृद्ध संस्कृति और इतिहास की झलक दिखने के साथ अरब प्रतीक भी होंगे। इसमें रामायण, महाभारत समेत हिन्दू पुराणों के प्रसंगों से जुड़े चित्र होंगे। मंदिर का निर्माण प्राचीन हिंदू शिल्प शास्त्र के मुताबिक किया जा रहा है।
मंदिर में 7 शिखर होंगे। ये यूएई के 7 अमीरात का भी प्रतीक होंगे। मंदिर के 2023 में पूरी तरह बन कर तैयार हो जाने की उम्मीद है।मंदिर में विजिटर्स सेंटर, पूजा हाल, लाइब्रेरी, क्लासरूम, कम्युनिटी सेंटर, एम्फीथिएटर, प्ले एरिया, बागीचे, पानी के झरने, फूड कोर्ट, बुक्स और गिफ्ट्स शॉप समेत तमाम सुविधाएं होंगी।
मंदिर के लिए अधिकतर पत्थर तराशने का काम भारत में राजस्थान और गुजरात के संगतराशों ने किया है। मंदिर के लिए गुलाबी पत्थर राजस्थान से और मार्बल इटली से मंगाया गया है। मंदिर का निर्माण प्राचीन हिंदू शिल्प शास्त्र के मुताबिक किया जा रहा है।