ब्लॉग: मतदाताओं को ‘जगाने’ की चुनाव आयोग की मुहिम

By शशिधर खान | Published: March 7, 2024 10:16 AM2024-03-07T10:16:57+5:302024-03-07T10:19:19+5:30

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार निर्वाचन आयोग की अपनी टीम के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं। जिस राज्य में भी वे जा रहे हैं, मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की अधिकारियों के साथ समीक्षा करने के अलावा मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुटकर वोट डालने के लिए भी जगा रहे हैं।

Election Commission campaign to awaken the voters | ब्लॉग: मतदाताओं को ‘जगाने’ की चुनाव आयोग की मुहिम

फाइल फोटो

Highlightsमुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार निर्वाचन आयोग की अपनी टीम के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की अधिकारियों के साथ समीक्षा करने के अलावा मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुटकर वोट डालने के लिए भी जगा रहे हैंसीईसी (मुख्य चुनाव आयुक्त) राजीव कुमार ने गत सप्ताह लखनऊ में कहा कि इस बार के आम चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को घर से पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान की सुविधा मिलेगी

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार निर्वाचन आयोग की अपनी टीम के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं। जिस राज्य में भी वे जा रहे हैं, मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की अधिकारियों के साथ समीक्षा करने के अलावा मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुटकर वोट डालने के लिए भी जगा रहे हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त मतदाताओं की कम भागीदारी पर असंतोष व्यक्त करते हुए निष्पक्ष और स्वतंत्र वोटिंग के लिए ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) में पूरी पारदर्शिता का भी लोगों को भरोसा दिलाते हैं। ओडिशा और बिहार के बाद उत्तर प्रदेश में भी चुनाव आयोग ने ईवीएम में छेड़छाड़ की चर्चित आशंका को दूर करने का प्रयास किया, ताकि वोट डालने के प्रति मतदाताओं की उदासीनता कम की जाए।

सीईसी (मुख्य चुनाव आयुक्त) राजीव कुमार ने गत सप्ताह लखनऊ में कहा कि इस बार के आम चुनाव में 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को घर से पोस्टल बैलेट के जरिये मतदान की सुविधा मिलेगी। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगों को भी इसी तरह मतदान की सुविधा मिलेगी। यह सब मतदाताओं की संख्या बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। सीईसी की एक और बात गौर करने लायक है। उत्तर प्रदेश में तीन दिन चली समीक्षा बैठक में सभी डीएम, एसपी को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी राजनीतिक दल के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार न हो।

इन सभी से सीईसी ने यह भी कहा है कि उनके अधीनस्थ अन्य अधिकारियों द्वारा किसी भी दल या प्रत्याशी के विरोध में या पक्ष में व्यवहार करने की शिकायत सही पाई गई तो डीएम और एसपी ही जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। चुनाव के दौरान मतदाताओं को प्रलोभन देकर वोट देने की राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की जुगत पर खास निगरानी के निर्देश चुनाव आयोग ने दिए हैं।

यहीं पर बात अटकती है कि वोटरों को जगाने के बावजूद चुनाव आयोग को आशा के अनुकूल मतदान का प्रतिशत नहीं मिलता है। सभी राजनीतिक दल चाहते हैं कि उन्हीं की सुविधा और मर्जी से मतदान हो, चुनाव आयोग वैसा ही करे और मतदाता भी वही करें। मतदाताओं को उम्मीदवार पसंद हो या न हो, मतदान कम हो या ज्यादा, राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने और जीतने से मतलब है।

जीते तो जनता जनार्दन की जयकार और हारे तो ‘दुश्मन’ चुनाव आयोग को लताड़। मतदाता जगे हैं, उन्हें जगाने की जरूरत नहीं होती। अगर सोये होते तो वोट का प्रतिशत कम नहीं होता। राजनीतिक दल और उनके उम्मीदवार खुद जागरूक होना नहीं चाहते, लेकिन मतदाताओं से उम्मीद है कि उम्मीदवारों की समीक्षा न करें। 

Web Title: Election Commission campaign to awaken the voters

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