काराकोरम राजमार्ग को अपग्रेड करेंगे चीन और पाकिस्तान, भारत के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती, जानिए इसके बारे में
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: October 18, 2023 04:36 PM2023-10-18T16:36:43+5:302023-10-18T16:38:10+5:30
काराकोरम राजमार्ग चीन और पाकिस्तान को जोड़ता है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। यह राजमार्ग वर्तमान में लगभग 1300 किमी लंबा है। काराकोरम राजमार्ग सबसे ऊंची पक्की रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सड़क है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान और चीन ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण काराकोरम राजमार्ग को अपग्रेड करने का फैसला किया है। खासकर रायकोट और थाकोट के बीच 240 किलोमीटर के हिस्से को विशेष रूप से विकसित किया जाएगा। काराकोरम राजमार्ग चीन और पाकिस्तान को जोड़ता है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरता है। यह राजमार्ग वर्तमान में लगभग 1300 किमी लंबा है।
पाकिस्तान एक राजमार्ग अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र भी स्थापित कर रहा है, जिसके लिए चीन लगभग 52 मिलियन डॉलर का भुगतान करेगा। काराकोरम राजमार्ग सीपीईसी का हिस्सा है और यह किस्तान अधिकृत कश्मीर से भी होकर गुजरता है। पाकिस्तानी फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गेनाइजेशन टनलिंग इंस्टीट्यूट चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे से संबंधित शोध कार्य में भी शामिल होगा।
पाकिस्तान चीनी मदद से बलूचिस्तान में ज़ोब और डेरा इस्माइल खान के बीच एक राजमार्ग भी बना रहा है। यह 150 किमी से अधिक लंबी सड़क है। भारत इस गलियारे का विरोध करता रहा है क्योंकि पीओके एक विवादित इलाका है।
काराकोरम राजमार्ग (केकेएच) पंजाब (पाकिस्तान) के एबटाबाद को काराकोरम पर्वतमाला के पार चीन के काशगर, झिंजियांग क्षेत्र से जोड़ता है। भारत में पाँच पर्वत श्रृंखलाएँ हैं जो इसकी उत्तरी सीमा की रक्षा करती हैं। ये हैं, काराकोरम रेंज, ज़ंगस्कर रेंज, लद्दाख रेंज, हिमालय रेंज और पीर पंजाल रेंज। काराकोरम पर्वतमाला सबसे उत्तरी है। काराकोरम राजमार्ग सबसे ऊंची पक्की रणनीतिक अंतरराष्ट्रीय सड़क है जो खुंजेराब दर्रे (15,397') पर काराकोरम रेंज को पार करती है। यह भारत के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती भी है।
इस हाइवे के अलावा चीन और पाकिस्तान कई सैन्य प्रोजेक्ट्स पर भी मिल कर काम कर रहे हैं। JF-17 लड़ाकू विमान के बाद दोनों देशों ने एक टोही और स्काउट वाहन के डिजाइन और निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उपयोग फॉरवर्ड आर्टिलरी अवलोकन उपकरण के रूप में किया जा सकता है। ये एक खास वाहन है जो ऐसे उपकरणों से लैस होगा जो बता सकता है कि उसके द्वारा फायर किए गए गोले कहां गिर रहे हैं।
हाल ही में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन चीनी राष्ट्रीय रेडियो और दूरसंचार निगम और पाकिस्तान की लेओस प्राइवेट लिमिटेड के बीच है। चीन, वाहन के डिजाइन और विकास तथा सेंसर और संचार उपकरणों को फिट करने में मदद करेगा।