आगरा: सोमवार,5 फरवरी को आए भूकंप के झटकों से तुर्की और सीरिया में भयंकर तबाही हुई है। इस भूकंप के कारण अब तक 4000 से ज्यादा लोग अपनी जान गवां चुके हैं। और 15000 से ज्यादा लोग घायल हैं। अभी भी इमारतों के मलबे में हजारों के फंसे होने की आशंका है। राहत और बचाव कार्य जारी है।
भूकंप से तबाह हुए तुर्की की मदद के लिए दुनिया भर से सहायता भेजी जा रही है। अब भारतीय सेना भी संकट की इस घड़ी में मदद के लिए आगे आई है। राहत और बचाव कार्य के लिए आगरा स्थित आर्मी फील्ड अस्पताल ने 89 सदस्यीय मेडिकल टीम तुर्की भेजी है। इन विशेषज्ञों में आर्थोपेडिक सर्जिकल टीम, जनरल सर्जिकल स्पेशलिस्ट टीम, मेडिकल स्पेशलिस्ट टीम सहित क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट टीम शामिल हैं।
आर्मी फील्ड अस्पताल से तुर्की जाने वाली टीम वहां 30-बेड वाली चिकित्सा सुविधा स्थापित करेगी। इसके लिए टीम एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र, कार्डिएक मॉनिटर और संबंधित उपकरणों से लैस है।
बता दें कि आर्मी फील्ड अस्पताल से मेडिकल टीम भेजने से पहले ही भारत ने भूकंप राहत सामग्री की पहली खेप भेज दी है। राहत सामग्री की खेप में एक विशेषज्ञ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल खोज और बचाव दल शामिल है। इसमें पुरुष और महिला दोनों कर्मी, अत्यधिक कुशल डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा से जुड़ी चीजें, उन्नत ड्रिलिंग उपकरण भेजे गए हैं।
भूकंप से सीरिया में भी भयंकर तबाही हुई है। सीएनएन ने बताया है कि सीरियन सिविल डिफेंस, जिसे "व्हाइट हेल्मेट्स" के रूप में जाना जाता है, ने कहा कि विपक्ष द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों में 740 मौतें हुईं। अनादोलु एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को पजारसिक जिले में केंद्रित 7.7 तीव्रता के भूकंप ने कहारनमारस को झटका दिया और गाजियांटेप, सान्लिउर्फा, दियारबाकिर, अदाना, अदियामन, मालट्या, उस्मानिया, हटाय और किलिस सहित कई प्रांतों को प्रभावित किया।
तुर्की के उप राष्ट्रपति फुअत ओकटे ने कहा कि 7,840 लोगों को मलबे से निकाला गया है। 11,022 खोज और बचाव दल क्षेत्र में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 338,000 भूकंप पीड़ितों को छात्रावासों, विश्वविद्यालयों और आश्रय स्थलों में रखा गया है।