छत्तीसगढ़ः बेटे की चाह में ऐसे कई माता-पिता हुए जिन्होंने इंसानियत की सारी सीमाएं लांघ डाली। ऐसा ही कुछ छत्तीगढ़ के लोरमी में भी हुआ जब एक बच्ची ने जन्म लिया। माता-पिता सारी इंसानियत भूल गए और क्रूरता की सारी हदें पार कर गए। इस हाड़ कंपा देनेवाली ठंड में नवजात को रात के अंधेरे में एक खेत में छोड़ आए। इसके बाद ऐसा कुछ हुआ कि आप यकीन भी नहीं कर पाएंगे।
नवजात बच्ची पूरी रात खुले आसमान में पड़ी रही। क्रूर माता-पिता ने उसे एक धान के पैरा पर फेंक आए थे। लेकिन बच्ची की एक कुतिया और उसके बच्चे रातभर उसकी रखवाली करते रहे। उसे ठंड से बचाए रखे। यही नहीं कुत्तों ने बच्ची के शरीर पर एक खरोच तक नहीं आने दी। सुबह जब हुआ तो खेत पहुंचे लोगों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी। गांव में खबर फैली तो ग्रामीण भी वहां पहुंचे और ये नजारा देखकर सभी हैरान रह गए।
नवजात बच्ची को बचाने वाले एक एनजीओ ने बताया है कि एक कुतिया अपने 6-7 पिल्लों के साथ रातभर उसकी रखवाली करती रही। बिना कपड़े के छोड़ी गई बच्ची की गर्भनाल भी नहीं काटी गई थी। आईपीएस अफसर दीपांशु काबरा ने ट्वीट किया इस खबर को ट्वीट करते हुए इस बात की जानकारी दी है कि बच्ची सही सलामत है।
उन्होंने ट्वीट में लिखा- खबर पढ़कर मन व्यथित हो गय। बच्ची को पुलिस ने अस्पताल पहुंचा दिया है, मामले की छानबीन जारी है। यदि आप बेटा-बेटी में भेद-भाव की सोच से ग्रस्त हैं तो आप अभिभावक बनने लायक नहीं हैं। दोषियों को कानून के तहत सख्त सजा मिले। ऐसे पाप रोकें, दकियानूसी सोच त्यागें, बेटा-बेटी एक समान मानें।