तिरुवनंतपुरमः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी मंगलवार को केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और अपने दोस्त ओमन चांडी को श्रद्धांजलि देते समय बेहद भावुक हो गए फूट-फूटकर रोने लगे। चांडी का बेंगलुरु में एक निजी अस्पताल में कैंसर का उपचार चल रहा था और आज तड़के 4 बजकर 25 मिनट पर उनका निधन हो गया।
एंटनी और उनकी पत्नी एलिजाबेथ यहां पुथुपल्ली गांव में स्थित चांडी के घर पहुंचे और अंतिम दर्शन के लिए रखे गए उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित की। एंटनी अपने वर्षों पुराने मित्र चांडी का ‘रेफ्रिजरेटर’ में रखा पार्थिव शरीर देखते बेहद भावुक हो गए और फूट-फूटकर रोने लगे। एंटनी ने ‘रेफ्रिजरेटर’ के शीशे पर अपना माथा रख उनके अंतिम दर्शन किए।
इस दौरान उनके आंसू बहते हुए गालों तक आ गए। इसके बाद वह पास में खड़े ओमान चांडी के बच्चों की ओर मुड़े और उनके बेटे चांडी ओमन को गले लगा लिया। इससे पहले दिन में एंटनी चांडी के निधन की खबर सुनकर भावुक हो गए। चांडी छह दशक पहले छात्र राजनीति के दिनों से ही केरल के कठिन राजनीतिक हालात में एंटनी के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे।
उन्हें याद करते हुए देश के पूर्व रक्षा मंत्री एंटनी ने अपने निजी जीवन पर भी उनके प्रभाव का जिक्र किया। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एंटनी ने यहां अपने आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, “उनकी वजह से मेरा पारिवारिक जीवन है।” उन्होंने बताया कि चांडी और उनकी पत्नी ने उन पर विवाह करने का दबाव बनाया था।
एंटनी ने कहा, “मैं 45 साल की उम्र तक अविवाहित था और विवाह के बंधन में बंधने का कोई इरादा नहीं था। लेकिन, चांडी और उनकी पत्नी मुझ पर शादी करने के लिए दबाव डालते रहे और आखिरकार, मैंने उनकी इच्छा के आगे घुटने टेक दिए। उनकी पत्नी ने मेरे लिए जीवन संगिनी ढूंढी और उनके घर में हमारी शादी हुई।
लिहाजा उनकी वजह से मेरा परिवार है।” एंटनी ने कहा, “इसलिए उनका असामयिक निधन मेरे, मेरी पत्नी और मेरे परिवार के लिए बड़ी क्षति है।” एंटनी के चेहरे से उनका दुख साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा कि उनके पास यह बताने के लिए शब्द नहीं हैं कि चांडी उनके लिए कितनी अहमियत रखते थे। उन्होंने कहा चांडी उनके लिए एक छोटे भाई की तरह थे।
एंटनी ने कहा, “1960 के दशक में हमारी छात्र राजनीति के दिनों से ही वह मेरे सबसे करीबी दोस्त थे, जिनके साथ मैं हर बात खुलकर साझा कर सकता था। हालांकि हमारे बीच विचारों में मतभेद रहे होंगे, लेकिन ऐसा कोई रहस्य नहीं था, जो हमने साझा न किया हो।” इस दौरान एंटनी की आंखें भर आईं।
एंटनी ने कहा चांडी का कोई विकल्प नहीं है, न तो उनके निजी जीवन में, न ही केरल के बड़े राजनीतिक परिदृश्य में। उन्होंने कहा, “उनकी मृत्यु मेरे लिए बहुत बड़ी व्यक्तिगत क्षति है और यह दुःख मरते दम तक मेरे साथ रहेगा।”