नागरिकता संशोधन विधेयक -2019 को लेकर आज (11 दिसंबर) राज्यसभा में इस पर चर्चा हो रही है। वहीं नागरिकता संशोधन विधेयक-2019 को लेकस सोशल मीडिया पर दो मत बन गए हैं। एक पक्ष वह है जो नागरिकता बिल पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ है तो वहीं विपक्ष में जो लोग हैं, उसे ये काला कानून बता रहे हैं। ट्विटर पर #CAB_नहीं_चलेगा, #CAB_काला_कानून_है तो एक और #IndiaSupportsCAB ट्रेंड कर रहा है। #IndiaSupportsCAB के साथ वैसे लोग ट्वीट कर रहे हैं जो इस समर्थन में हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होना चाहिए। वहीं #CAB_काला_कानून_है के साथ वैसे लोग सरकार की आलोचान कर रहे हैं, जो इस विधेयक के खिलाफ हैं।
#CAB_नहीं_चलेगा ट्रेंड के साथ बीजेपी छोड़ कांग्रेस में गए उदित राज ने ट्वीट किया है, '#CAB_काला_कानून_है इत्ती सी बात है बस। #CAB_नहीं_चलेगा समझे महाराज।'
वहीं, राज्यसभा में बीजेपी ने इस बिल पर चर्चा के दौरान जगत प्रकाश नड्डा ने कहा है कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सलाह पर लाया गया है। जगत प्रकाश नड्डा ने विपक्ष को राजनीतिक हितों के बजाय राष्ट्र के हित साधने की नसीहत दी और दावा किया कि तथा इससे पूर्वोत्तर की 'सांस्कृतिक पहचान' को कोई खतरा नहीं पहुंचेगा।
देखें #CAB_नहीं_चलेगा के साथ लोगों ने क्या-क्या कहा?
#IndiaSupportsCAB ट्रेंड के साथ लोगों ने क्या कहा?
नागरिकता संशोधन बिल है क्या? (what is Citizenship Amendment Bill (CAB)
नागरिकता संशोधन बिल के तहत पड़ोसी देशों से शरण के लिए भारत आए हिंदू, जैन, बौद्ध, सिख, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है। नागरिकता संशोधन बिल सोमवार (9 दिसंबर) को लोकसभा में पेश हुआ और विधेयक के पक्ष में 311 मत, जबकि विरोध में 80 मत पड़े।
नागरिकता संशोधन बिल का पूर्वोत्तर में ही क्यों होता है ज्यादा विरोध
नागरिकता संशोधन विधेयक पूरे देश में लागू किया जाएगा। लेकिन इस विधेयक का ज्यादातर भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्रों जैसे, मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में विरोध होता रहा है, क्योंकि ये राज्य बांग्लादेश की सीमा से सटे हैं।
पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लोग का कहना है कि पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुसलमान अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नियमों में ढील देती है। मेघालय, मणिपुर, असम, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम जैसे राज्य के लोगों की समस्या है कि यहां बांग्लादेश से मुसलमान और हिंदू दोनों ही बड़ी संख्या में अवैध तरीके से आकर बस जाते हैं।