फीस वृद्धि, ड्रेस कोड के विरोध में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने सोमवार को संस्थान के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। जिसकी वजह से दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने आए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक एआईसीटीई आडिटोरियम से करीब छह घंटे तक बाहर नहीं आ पाए और मंत्रालय में दो पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा। इसके अलावा विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्र-छात्रों ने एक महिला प्रोफेसर के साथ भी बदतमीजी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। विरोध प्रदर्शन में छात्र इतने उग्र हो गए थे कि दीक्षांत समारोह के बाद शास्त्री भवन में प्रस्तावित मंत्री के कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ा। जेएनयू के छात्र-छात्रों के इस हरकत को देखने के बाद सोशल मीडिया पर विश्वविद्यालय को बंद करने की मांग उठ रही है।
ट्विटर पर हैशटैग #ShutDownJNU ट्रेंड में रहा है। इस ट्रेंड के साथ ज्यादातर यूजर का यही कहना है कि इस संस्थान को बंद कर देना चाहिए। सरकार और आम आदमी का टैक्स इस संस्थान में लगने के बाद बर्बाद हो रहा है। देखिए लोगों की प्रतिक्रिया
एक यूजर ने लिखा, हम छात्र नहीं गुंडे पाल रहे हैं।
पढ़ें जेएनयू के छात्रों का विरोध प्रदर्शन का पूरा माजरा
जेएनयू के निकट बड़ी संख्या में छात्र फीस वृद्धि, ड्रेस कोड जैसे दिशानिर्देश के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे । छात्र इसे प्रशासन की ‘‘छात्र-विरोधी’’ नीति बताते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की तरफ आगे बढ़ने चाहते थे लेकिन गेट पर अवरोधक लगा दिए गए हैं । उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस स्थान पर दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति हालांकि विरोध प्रदर्शन बढ़ने से पहले ही वहां से रवाना हो गए थे । जेएनयू से लगभग तीन किलोमीटर दूर एआईसीटीई के द्वारों को बंद कर दिया गया और सुबह शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर परिसरों के बाहर सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया।
एक अधिकारी ने बताया कि जेएनयू परिसर के उत्तरी और पश्चिमी द्वारों के बाहर और बाबा बालकनाथ मार्ग पर एआईसीटीई ऑडिटोरियम और जेएनयू के बीच स्थित सड़क पर अवरोधक लगाये गये है। पुलिस ने बताया कि छात्रों ने इन बैरिकेड को तोड़ दिया और पूर्वान्ह्र लगभग साढ़े 11 बजे एआईसीटीई की तरफ मार्च करने लगे। कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया गया। छात्रों पर पानी की बौछारें भी की गई । हाथों में तख्तियां लेकर छात्रों ने ‘‘दिल्ली पुलिस वापस जाओ’’ जैसे नारे लगाये और कुलपति एम जगदीश कुमार के खिलाफ भी नारेबाजी की।
जेएनयू के छात्र क्यों कर रहे थे विरोध
छात्र मसौदा नियमावली को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जिसमें हास्टल मैनुअल के तहत 1700 रुपये का सेवा शुल्क लगाने की बात कही गई है। एक बार लगाये जाने वाले सुरक्षा शुल्क को 5500 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया गया है । एक सीट वाले कमरे का किराया 20 रूपये प्रति माह से बढ़ाकर 600 रूपया तथा दो सीट वाले कमरे का किराया 10 रूपये से बढ़ाकर 300 रूपये प्रति माह करने की बात कही गई है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में सोमवार को डिग्री हासिल करने वाले कई छात्रों ने निराशा जाहिर की क्योंकि फीस वृद्धि के विरोध में हुए प्रदर्शन के चलते उन्हें लगा कि जेएनयू के छात्र के रूप में उनका अंतिम दिन ‘‘बर्बाद’’ हो गया। कई अन्य छात्र ऐसे भी थे, जिन्होंने प्रदर्शनकारी छात्रों को समर्थन दिया और दीक्षांत समारोह स्थल के अंदर एकजुटता के साथ खुद भी विरोध प्रदर्शन किया।
दीक्षांत समारोह में शामिल होने वाले छात्रों में आरएसएस से संबंधित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता सौरभ शर्मा भी थे, जो 2016 के राजद्रोह मामले में मुख्य गवाह हैं। उस समय वह छात्र संघ के संयुक्त सचिव थे।