जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष रह चुकीं शेहला राशिद ने जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को लेकर ट्वीट किए हैं। शेहला राशिद ने ट्वीट कर लिखा है, 'शरजील कौन है? भारत के गृह मंत्री जो अल्पसंख्यकों को प्रतिदिन तीन बार 'दीमक' कहते हैं? वह लड़का है?।' वहीं एक अन्य ट्वीट में शेहला राशिद ने लिखा है, ''आप शरजील इमाम की बातों को सुनकर भड़के हुए हैं। लेकिन हमें हर दिन, हर वक्त, भारत के प्रधानमंत्री से , मंत्रियों से, ट्रोलर्स से , टीवी एंकर्स ये सुनने को मिलता ह।'' शेहला राशिद ने एक ट्वीट को रिट्वीट कर ये बातें लिखी हैं। शेहला राशिद का ये ट्वीट वायरल हो गया है।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर उस ट्वीट में क्या लिखा था, जिसको लेकर शेहला ने कहा कि उन्हें हर वक्त हर दिन ये सारी बातें सुनने को मिलती है। ट्विटर यूजर Mahabevdeshwari ने 26 जनवरी 2020 को एक ट्वीट कर लिखा है, ''इसका मतलब है कि आपका समुदाय गर्भ निरोधकों का उपयोग नहीं करता है।'' शेहला राशिद ट्वीट कर ये कहना चाहती हैं कि उनके समुदाय के लोगों को हर वक्त ये तंज सुनने को मिलता है।
आखिर क्यों चर्चा में है जेएनयू छात्र शरजील इमाम
दिल्ली पुलिस सहित यूपी, असम पुलिस और कई राज्यों की पुलिस ने शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के दौरान चर्चा में आए कार्यकर्ता शरजील इमाम पर संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी( NRC) के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में रविवार को मामला दर्ज किया। पुलिस के अनुसार, बिहार निवासी और जवाहलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजील ने ‘‘सीएए और एनआरसी के विरोध में काफी उकसाऊ और भड़काने वाले भाषण’’ दिए। उन्होंने कहा, ‘‘उसने पिछले साल 13 दिसंबर को भी जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी ऐसा ही भाषण दिया था और इसके बाद सरकार के खिलाफ उकसावे वाला एक और भाषण दिया जो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से चल रहा है।’’
असम को लेकर शरजील इमाम ने क्या कहा?
शरजील इमाम को एक ऑडियो क्लिप में यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें तो ‘‘असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है...अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।’’