नागरिकता (संशोधन) कानून के विरोध में और इस विवादास्पद कानून को वापस लेने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार (17 दिसंबर) को पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, कई मोटरसाइकिलों को आग लगा दी और तीन बसों के साथ-साथ दो पुलिस चौकियों में भी तोड़फोड़ की। इस घटना में 21 पुलिसकर्मी और छह व्यक्ति जख्मी हो गए हैं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ। ज्यादातर यूजर्स ने उस क्लिप को शेयर किया, जिसमें प्रदर्शनकारी पुलिस वालों को दौड़ाकर पत्थरबाजी कर रहे हैं। असल में इस इलाके में अचानक से हजारों की संख्या में लोग जमा हो गए थे और शुरुआत में स्थिति पुलिस के काबू में नहीं हो पाई। पुलिसकर्मियों को दौड़ाने का वीडियो लोगों ने शेयर कर प्रदर्शनकारियों की आलोचना की है।
एक यूजर ने लिखा है कि स्कूल बस में आग लगाना, पुलिस को पीटना यह पागलपन है।
मेजर सुरेंद्र पूनिया ने लिखा, भीड़ अब सीलमपुर को जला रहे हैं, क्या आप इनको मासूम नागरिक कहेंगे, जो पत्थर / लाठियों से दिल्ली पुलिस को पीट रहे हैं। क्या लोकतंत्र और संविधान को सुरक्षित करने का बस यही तरीका है।
वैरीफाइड यूजर ने लिखा, यह एक दंगा है न कुछ ज्यादा, न कुछ कम।
पत्रकार स्मिता प्रकाश ने लिखा, यह सिर्फ एक तोड़फोड़ नहीं है। यह सरकारी कर्मचारी के अधिकारों पर हमला है। इन सब के ऊपर भारतीय दंड संहिता धारा 353 लागू होता है। जो गैर जमानती है। सजा 3-5 साल।
सीलमपुर हिंसा : 21 पुलिसकर्मी, छह व्यक्ति जख्मी
दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 21 पुलिस कर्मी और छह लोग जख्मी हुए हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिंसा के सिलसिले में सीलमपुर और जाफराबाद थाने में दो प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। अधिकारी ने बताया कि रेपिड एक्शन फोर्स के तीन कर्मी जख्मी हुए हैं। दिल्ली के सीलमपुर इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कई बाइकों को फूंक दिया। पुलिस कर्मियों पर पथराव किया और बसों को नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा एक पुलिस बूथ और एक सार्वजनिक शौचालय को भी आग के हवाले कर दिया।