मध्य प्रदेश में कांग्रेस सेवादल की ओर से बांटी गई एक किताब पर सोशल मीडिया पर विवाद हो गया है। भोपाल में आयोजित किए गए दस दिवसीय ट्रेनिंग कैंप में 'वीर सावरकर कितने वीर' थे इस किताब को बांटा गया। इस किताब में दावा किया गया है कि नाथूराम गोडसे और वीर सावरकर के बीच समलैंगिक संबंध थे। किताब में महात्मा गांधी की हत्या, नाथूराम गोडसे का भी जिक्र है। डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का जिक्र करते हुए इसमें लिखा है, 'ब्रह्मचर्य धारण करने से पहले नाथूराम गोडसे के एक ही शारीरिक संबंध का ब्यौरा मिलता है और वह समलैंगिक संबंध थे। उनका पार्टनर था उनका राजनैतिक गुरु वीर सावरक।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक किताब में यह भी दावा किया गया है कि सावरकर अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए लोगों को उकसाते थे। 'समलैंगिक संबंध' वाली बात पर सोशल मीडिया पर लोग आपस में भिड़ गए हैं। हालांकि ज्यादातर लोगों का यही कहना है कि 'समलैंगिक संबंध' में बुराई ही क्या है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि हम आज के वक्त में देश के विकास देश को बेहतर बनाने की कोशिश में लग हैं तो ऐसे में किसी के पर्सनल रिश्ते के बारे में बात करने का क्या फायदा है।
समाज सेवी और आर्थर राहुल ईस्वर ने लिखा है, 'प्लीज वीर सावरकर को नीचा मत दिखाओ। हमें सार्वजनिक व्यक्तित्व की सार्वजनिक नीतियों पर बहस करनी चाहिए और निजी जीवन पर आरोप नहीं लगाने चाहिए सावरक को आपके और मेरे लिए 4000 दिन जेल में भुगतने पड़े थे।'
वैरीफाइड यूजर अशोक स्वैन ने लिखा है, समलैंगिक संबंध रखने में क्या गलत है? क्यों परेशान है बीजेपी?
राष्ट्रीय सेवा दल के नेता लालजी देसाई ने कहा, 'सावरकर का नाथूराम गोडसे के साथ शारीरिक संबंध था' लेखक ने इसे सबूतों के आधार पर लिखा है। लेकिन यह हमारे लिए छोटा नहीं है। आज हमारे देश में, हर किसी को अपनी पसंद रखने का कानूनी अधिकार है।'
कई यूजर ने इस किताब की आलोचना करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर निशाना साधा है।
'वीर सावरकर कितने वीर' किताब में और क्या-क्या दावा किया गया है?
किताब में दावा किया गया है, 'सावरकर जब 12 साल के थे तब उन्होंने मस्जिद पर पत्थर फेंके थे और वहां की ईट तोड़ दी थी।'
किताब के 14वें पन्ने पर सवाल है, 'क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं से बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया?' इसके जवाब में लिखा है, 'यह सही है। सावरकर ने बलात्कार को एक न्यायसंगत राजनैतिक हथियार बताया था।
किताब में किए दावों को लेकर क्या कहती है बीजेपी?
किताब में किए दावों पर बीजेपी ने विरोध जताया है। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा है, ''महिलाओं को तंदूर में जलाने वाली कांग्रेस से और क्या उम्मीद की जा सकती है। मुस्लिमों का वोट पाने के लिए कांग्रेस ऐसा करती है। कांग्रेस सिर्फ सोनिया गांधी के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है, इसलिए ऐसी बातें करती है क्योंकि उसे इस बात का डर है कि देश में कश्मीर, अयोध्या और ट्रिपल तलाक पर इतने बड़े फैसले हुए लेकिन एक दंगा नहीं हुआ। ये सब कांग्रेस की सोची-समझी साजिश है।''