जाने माने वकील और कार्यकर्ता प्रशांत भूषण अक्सर अपने ट्वीट या बयानों के लिए चर्चा में बने रहते हैं। हाल ही में ट्विटर ने उनके अकाउंट को एक हफ्ते के लिए सस्पेंड भी कर दिया था। प्रशांत भूषण ने दरअसल कोरोना महामारी के बीच एक आर्टिकल का लिंक शेयर करते हुए मास्क की उपयोगिता को लेकर ट्वीट किया था।
ट्विटर ने इसे भ्रामक माना और एक हफ्ते के लिए उनका अकाउंट भी बंद कर दिया था। प्रशांत भूषण की जब एक हफ्ते बाद ट्विटर पर वापसी हुई तो उन्होंने एक बार फिर उस मुद्दो को उछाल दिया। हालांकि प्रशांत भूषण के इस ट्वीट के आते ही एनडीटीवी की एंकर गार्गी रावत ने उन्हें जवाब दे दिया।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रशांत जी कृपया बस कीजिए।' दरअसल प्रशांत भूषण ने ट्विटर पर वापसी के साथ ही लिखा था, 'एक हफ्ते के लिए मेरा ट्विटर अकाउंट सस्पेंड इसलिए था क्योंकि मैंने कोविड के दौरान पूरे रेफ्रेंश के साथ मास्क के फायदे और नुकसान को लेकर एक आर्टिकल ट्वीट किया था। अब जबकि सीडीसी ने ये मान लिया है कि सतह से कोई फैलाव नहीं हो रहा तो आईए मास्क पर खुलकर एक डिबेट करें।'
प्रशांत भूषण के ट्वीट पर पहले भी होते रहे हैं विवाद
गौरतलब है कि पहले भी अपने ट्वीट को लेकर प्रशांत भूषण कई बार मुश्किलों में भी फंसते रहे हैं। पिछले ही साल कुछ ट्वीट् को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कोर्ट की अवमानना का दोषी ठहराया था। ये मामला काफी चर्चित रहा था।
कोर्ट ने हालांकि बाद में नरमी दिखाते हुए प्रशांत भूषण पर सजा के तौर पर एक रूपये का जुर्माना ही लगाया था। कोर्ट ने दरअसल प्रशांत भूषण को एक रुपए का सांकेतिक जुर्माना देने या तीन महीने की साधारण कैद और तीन साल के लिये किसी भी मामले में पेश होने से प्रतिबंधित करने की सजा सुनाई थी।
प्रशांत भूषण ने बाद में जुर्माने की रकम न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा कराते हुए अलग से पुनर्विचार याचिका दायर की थी।