नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम और पूर्वोत्तर के राज्यों में जमकर बवाल हो रहा है। राज्यसभा और लोकसभा से भी बिल पास हो चुका है, लेकिन प्रदर्शन जारी है। इसी बीच आज (12 दिसंबर) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर असम के लोगों को अश्वासन दिया कि उन्हें नागरिकता (संशोधन) विधेयक के संसद में पारित होने के बाद चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और कोई उनके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और खूबसूरत संस्कृति को छीन नहीं सकता। पीएम मोदी अपने इस ट्वीट को लेकर ट्रोल हो गए हैं। लोग उसने पूछ रहे हैं कि जब असम में इंटरनेट बंद है तो वह लोग आपके ट्वीट को कैसे पढ़ पाएंगे। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा, ''असम के हमारे भाई और बहन मोदी जी का संदेश नहीं पढ़ सकते क्योंकि उनके लिए इंटरनेट बंद है।''
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, 'यह पूरी तरह असंवैधानिक है और यह उच्चतम न्यायालय जा रहा है। इसका कोई मतलब नहीं है कि इसे कौन चुनौती देगा।'
पीएम मोदी ने क्या किया ट्वीट
पीएम मोदी ने असम ट्वीट किया, 'मैं असम के अपने भाई-बहनों से अपील करना चाहता हूं कैब (नागरिकता संशोधन विधेयक) से किसी को भी चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मैं आप सभी लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और सुंदर संस्कृति को आपसे छीन नहीं सकता है। यह सब कुछ पहले की तरह गतिमान रहेगा और विकसित होता रहेगा।'
देखें लोगों की प्रतिक्रिया
असम में इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने पर ट्विटर पर लोगों ने नाखुशी जताई
ट्विटर यूजर ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर व्यापक प्रदर्शन के बीच असम में इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने पर नाखुशी जताई। असम सरकार ने बुधवार को घोषणा की कि असम के दस जिलों में शाम सात बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी। ट्विटर पर सक्रिय बोरगोहेन मौसुमी ने कहा, ‘‘कामरूप (मेट्रो), लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहट, गोलाघाट और कामरूप जिलों में 24 घंटे के लिए इंटरनेट प्रतिबंधित। लोकतंत्र? सरकार हमें नहीं रोक सकती है। हम विरोध करने के लिए सड़कों पर हैं।’’
अमन वदूद ने ट्वीट किया, ‘‘असम के कई जिले में शाम सात बजे से इंटरनेट बंद रहेगा। असम में अंतत: स्थिति ‘सामान्य’ हो रही है।’’ केमिकल इंजीनियर गंगोत्री नियोग ने ट्वीट किया, ‘‘लोग जब कैब का विरोध कर रहे हैं तो भाजपा जितना बढ़िया कर सकती है उतना कर रही है। और फिर कहते हैं कि हर चीज सामान्य है। वार्ता ही आगे का रास्ता है न कि अवरोध किया जाना।’’