एक और जहां नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इसके समर्थन में वाराणसी की कुछ मुस्लिम महिलाएं टैटू बनवा रही हैं। जिसका दावा सोशल मीडिया पर कुछ लोग कर रहे हैं।जिनकी तस्वीरें ट्विटर पर वायरल हो रही है। इनके तस्वीरों को शेयर कर लोग कह रहे हैं कि ये उन लोगों के मुंह पर तमाचा है, जो नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में हिंसा फैला रहे हैं। नाागरिकता कानून का विरोध प्रदर्शन दिल्ली के जामिया इलाके में पिछले दो-तीन दिनों से चल रहा है।
टैटू बनवाती महिलाओं की तस्वीर शेयर करते हुए, यूजर आलोक तिवारी ने लिखा है, ''वाराणसी में CAB के समर्थन में मुस्लिम महिलाओं ने बनवाया टैटू। टैटू बनवाने वाली इक्रा खान ने कहा कि जो लोग इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वो इससे सिख लें और इस बिल को समझें। इक्रा आगे कहती हैं कि बिल नुकसान दायक नहीं है। ये फोटो उन लोगो के मुंह पर तमाचा है जो कैब का विरोध कर रहे हैं।'' आलोक तिवारी के ट्विटर अकाउंट पर 107 हजार फॉलोअर्स हैं।
इसके अलावा भी इन महिलाओं की तस्वीर कई लोगों ने शेयर किया है। खबर को न्यूज 18 ने भी प्रकाशित किया है।
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नागरिकता (संशोधन) कानून क्या है?
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद यह एक कानून बन गया है। एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी।