लियोनार्डो दा विंची की कलाकृतियों में से एक 'साल्वाटॉर मुंडी' एक रहस्य बनी हुई है। इस आर्टवर्क को 2017 में रिकॉर्ड कीमत 450 मिलियन डॉलर लगभग 3000 हजार करोड़ में बेचा गया था। तभी से इसके ठिकाने को लेकर रहस्य बना हुआ है। आर्टनेट डॉट कॉम के मुताबिक यह पेंटिंग सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के गार्गेटन सुपरयॉट की शोभा बढ़ा रही है। यह जानकारी आर्टनेट डॉट कॉम ने दी है।
यह पेंटिंग 500 साल पुरानी बताई जाती है जिसकी प्रमाणिकत विवादित है। इस पेंटिंग से जुड़ा एक विवाद यह भी है कि इसे लियोनार्डो दा विंची ने नहीं बनाया बल्कि उनके सहकर्मियों द्वारा बनाया गया है। पेंटिंग में यीशु मसीह को एक अंधेरी दुनिया को आशिर्वाद या प्रकाश देते हुए दिखाया गया है।
वॉल स्ट्रीट जरनल ने सबसे पहले बताया था कि पेंटिंग को सऊदी के प्रिंस बदर बिन अबदुल्लाह ने खरीदा था। रियाद ने कभी भी उस रिपोर्ट की पुष्टि या खंडन नहीं किया।
द गार्जियन ने पहले एक रिपोर्ट में बताया था कि अरबपतियों के भीतर अपने सुपरयॉट में विश्व प्रसिद्ध, बहुमूल्य और अनमोल चीजें रखने की प्रवृत्ति बढ़ी है। मैनचेस्टर सिटी के मालिक और यूनाइटेड अरब अमीरात के उप प्रधानमंत्री शेख मंसूर बिन जायद अल नाह्यान के सुपरयॉट में महंगे टोपाज (पुखराज) के सैकड़ों टुकड़े जड़े हुए हैं।
आर्टनेट ने कहा कि साल्वाटर मुंडी ने कहा कि यह पेंटिंग सुपरयॉट में तब तक रहेगा जब तक सऊदी अल-उला में सांस्कृतिक नहीं बना देता। इसके बाद उसे वहीं स्थापित करने का प्रयास है। इसके जरिए लियोनार्डो दा विंची के 500 साल पुरानी पेंटिंग को याद किया जा सकेगा।