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300 साल पुरानी जलपरी Mummy के रहस्य से पर्दा उठाएंगे जापानी वैज्ञानिक; मान्यता है कि इसके मांस खाने वाले होते हैं अमर

By आजाद खान | Updated: March 6, 2022 14:08 IST

जापानी वैज्ञानिकों की माने तो इस जलपरी ममी को 1736 और 1741 के बीच में पकड़ा गया है। यह दिखने में 12 इंच लंबी है।

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ठळक मुद्देवैज्ञानिक एक 300 साल पुरानी जलपरी ममी के बारे में अध्ययन कर रहे हैं।कहा जाता है कि इसके मांस खाने वाले अमर हो जाते हैं।इस जलपरी के रहस्य को जानने में वैज्ञानिक लगे हैं।

जापानी वैज्ञानिकों द्वारा एक 300 साल पुरानी जलपरी जैसी दिखने वाली एक ममी के बारे में अध्ययन चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, इस 12 इंच रहस्यमय जलपरी ममी को कथित तौर पर जापानी द्वीप शिकोकू से 1736 और 1741 के बीच प्रशांत महासागर में मछुआरे द्वारा पकड़ा गया था। इसके बाद मछुआरों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी इसे संभाल कर रखा गया और अंत में इसे असाकुची शहर के एक मंदिर रखा गया है। इस जलपरी ममी के पीछे का क्या रहस्य है, वैज्ञानिक अब इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

कोई भी इसका स्वाद चखेगा तो मिलेगी अमरत्व

जानकारी के मुताबिक, ऐसे कहा जा रहा है कि इस जलपरी जैसी दिखने वाली ममी के मांस को खाने वाले को अमरत्व मिल सकता है। फोटो के अनुसार, इस ममी का नीचला हिस्सा जलपरी व मछली की तरह दिख रही है, वहीं इसके ऊपर का धर इंसानों की तरह दिख रहा है। फोटो में दिख रहा है कि एक मुस्कुराता हुआ चेहरा, नुकीले दांत, दो हाथ, सिर और भौंह पर बाल इस जलपरी में मौजूद हैं।

800 साल जिंदा रही महिला ने पहले खाया था जलपरी का मांस

इस जलपरी के रहस्य को उजागर करने के लिए कुराशिकी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड द आर्ट्स (Kurashiki University of Science and the Arts) के शोधकर्ताओं ने इसका अध्ययन करना शुरू कर दिया है और इसका सीटी स्कैनिंग भी करवा रहे हैं। वहीं ओकायामा फॉकलोर सोसायटी (Okayama Folklore Society) के हिरोशी किनोशिता का मानना है कि इस जलपरी के साथ धार्मिक मान्यताएं भी छिपी हुई है। 

जलपरी ममियों के मांस को खाने का है मान्यता-हिरोशी

हिरोशी के मुताबिक, 'जापानी मत्स्यांगनाओं में अमरता की मान्यता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आप मत्स्यांगना (जलपरी) का मांस खाते हैं, तो आप कभी नहीं मरेंगे।' उन्होंने इस पर यह भी कहा, 'जापान के कई हिस्सों में एक मान्यता है कि एक महिला ने गलती से एक जलपरी का मांस खा लिया और 800 साल तक जीवित रही। यह 'याओ-बिकुनी' मान्यता उस मंदिर के पास भी संरक्षित है जहां जलपरी ममी पाई गई थी।' हिरोशी ने आगे कहा, 'मैंने सुना है कि कुछ लोग इस मान्यता में भी विश्वास करते हैं कि जलपरी ममियों के मांस खाए जाते थे।'

इस ममी को लेकर अलग-अलग लोगों के तरह-तरह के राय हैं। कुछ लोग यह मानते है कि यह कोई इंसान हो सकता है जो किसी वायरस के चपेट में आकर ऐसा हो गया होगा। अभी तक इस ममी को लेकर रहस्य बना हुआ है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इससे पर्दा उठ जाएगा।  

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