Karnataka Assembly Elections 2023: निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन फीस भरने के लिए बोरे में सिक्के लेकर पहुंचा, गिनने में अधिकारियों के छूटे पसीने
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 19, 2023 04:20 PM2023-04-19T16:20:50+5:302023-04-19T16:24:59+5:30
कर्नाटक के रायचूर जिले की यादगीर विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने गये यंकप्पा नामांकन फीस के तौर पर दो बोरे में 10 हजार रुपये मूल्य के सिक्के ले गये थे, जिसे गिनने में चुनाव अधिकारियों के पसीने छूट गये।
बेंगलुरु: कर्नाटक विधानसभा चुनाव एक तरफ तो भाजपा, कांग्रेस और जेडीस के बीच चल रहे त्रिकोणीय मुकाबले से दिलचस्प बना हुआ है, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी वोटरों का ध्यान खिंचने के लिए तरह-तरह की जुगत लगा रहे हैं। जी हां, ऐसा ही एक रोचक मामला रायचूर जिले की यादगीर विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने गये यंकप्पा ने प्रदर्शित किया।
निर्दलीय उम्मीदवार यंकप्पा जब बीते मंगलवार को जब यादगीर तहसीलदार के दफ्तर में नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे तो उनके साथ 2 बड़े-बड़े बोरे भी थे। जब निर्वाचन अधिकारियों ने उन बोरों पर आपत्ति जताई तो यंकप्पा ने बताया कि उन दो बोरे में वो नामांकन फीस लेकर आये हैं। इससे पहले की अधिकारी कुछ समझ पाते यंकप्पा ने दोनों बोरों को निर्वाटन अधिकारी की मेज पर उड़ेल दिया। जिसमें 10 हजार रुपये मूल्य के एकएक रुपय के सिक्के थे।
निर्दलीय प्रत्याशी यंकप्पा ने चुनाव अधिकारियों को बताया कि चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने यादगीर विधानसभा की जनता से चंदा मांगा था और मतदाताओं से मिले चंदे की राशि को लेकर वो नामांकन दाखिल करने के लिए आये हैं। इतना ही नहीं यंकप्पा अपने गले में एक बैनर लटकाकर आये थे, जिसमें 12वीं सदी के समाज सुधारक बसवेश्वर, कर्नाटक के संत-कवि कनकदास, स्वामी विवेकानंद, डॉ बीआर अंबेडकर और संविधान की प्रस्तावना के चित्र लगे हुए थे।
बहरहाल, जब वो नामांकन पत्र दाखिल करने का फॉर्म भर रहे थे, तो उनकी साथ की टेबल पर चुनाव अधिकारी उनके द्वारा लाये गये 10 हजार रुपये मूल्य के सिक्कों की गणना कर रहे थे। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को उन सिक्कों को गिनने में 2 घंटे का वक्त लगा और सिक्कों की गिनती करने वाले अधिकारियों के पसीने छूट गये। कर्नाटक चुनाव में इस वर्ष प्रत्येक उम्मीदवारों बतौर नामांकन फीस 10,000 रुपये जमा करना अनिवार्य है।
मजेदार बात यह है कि यंकप्पा ने गले में जिस बैनर को लटकाया छा, उस पर कन्नड़ में लिखा था, "सिर्फ एक रुपया न दें, अपना एक वोट भी दें। आपका एक वोट आपको ही गरीबी से मुक्ति दिलाएगा।" यंकप्पा द्वारा भरे गये चुनावी हलफनामें के अनुसार वो कलाबुरगी जिले के गुलबर्गा विश्वविद्यालय से कला स्नातक है। उनके पास कुल 60,000 रुपये की संपत्ति है, जबकि उनके पिता देवेंद्रप्पा के पास एक एकड़ और 16 गुंटा जमीन (40 गुंटा एक एकड़ के बराबर) है।