जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। कन्हैया कुमार ने ट्वीट कर लिखा, ''कल देश के हर कोने में देश के नागरिकों ने नागरिक विरोधी CAA-NRC का शांतिपूर्ण विरोध किया लेकिन बीजेपी शासित राज्यों में ही हिंसा हुई, क्यों? बिल्कुल साफ है कि लोगों पर यह पुलिसिया बर्बरता सरकार के इशारे पर की जा रही है।'' नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी को लेकर आज (20 दिसंबर) भी देश के कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। बीते दिन (19 दिसंबर) भी देश के कई हिस्सों से हिंसा व आगजनी की खबरें आईं थी।
एक अन्य ट्वीट में कन्हैया कुमार ने लिखा, ''इसमें तीन नागरिकों की जान चली गई। सैकडों लोगों को गिरफ्तार किया गया है। शांतिपूर्वक विरोध कर रहे लोगों को बुरी तरह पीटा गया है। शांतिपूर्ण बिहार बंद होने के बावजूद यहां हमारे कई साथियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। देश के नागरिक सरकार की इस साजिश को अच्छी तरह समझ रहे हैं।''
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन न केवल मुस्लिमों को बचाने की लड़ाई है बल्कि पूरे देश की रक्षा की लड़ाई है। विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा था कि लोगों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी को लेकर अधिक चिंतित होना चाहिए जो कि विवादित नागरिकता कानून के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक है।
कन्हैया ने कहा, ‘‘अगर एनआरसी देशभर में लागू होती है तो हम सभी को नोटबंदी के दिनों की तरह लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ेगा।’’ कुमार ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का पुरजोर विरोध होना चाहिए लेकिन शांति के रास्ते से भटकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इसी तरह की ऊर्जा बरकरार रखते हुए होश में रहें। याद रखिए हम कलम उठाते हैं न कि एके-47।’’ कुमार ने कहा कि जो लोग संविधान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ कहा जाता है और जो इसे बर्बाद कर रहे हैं उन्हें ‘‘देशभक्त’’ कहा जाता है।