भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक जनवरी को ऐलान किया कि महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मिशन के लिए अंतरिक्षयात्रियों को प्रशिक्षण देने की शुरुआत रूस में जनवरी के तीसरे सप्ताह से की जाएगी। इसरो के इस ऐलान के बाद पत्रकार नारायण लक्ष्मण ने अपने वैरिफाइड अकाउंट से ट्वीट करते हुए सवाल पूछा- आखिर गगनयान, चंद्रयान इसरो के सारे राष्ट्रीय मिशनों के नाम हिंदी में क्यों है? पत्रकार नारायण लक्ष्मण अपने इस सवाल पर ट्रोल हो गए हैं।
पत्रकार नारायण लक्ष्मण ने ट्वीट किया, ''सवाल शायद देर से पूछ रहा हूं, लेकिन इन सभी * राष्ट्रीय * मिशनों का नाम हिंदी में क्यों रखा गया है? नमो-भाई, 'Cow Belt' के बाहर भी भारतीय रहते हैं।''
पत्रकार नारायण लक्ष्मण के इस ट्वीट पर लोग कह रहे हैं कि आपको इस मुद्दे पर भी राजनीति करनी है। कई यूजर्स ने लिखा है कि गगनयान, चंद्रयान हिंदी के शब्द नहीं बल्कि संस्कृत के शब्द हैं। कई यूजर्स ने दावा किया है कि गगनयान, चंद्रयान पंजाबी, तमिल, असम, गुजराती, मलयालम जैसे कई भाषाओं में इस्तेमाल किया जाता है।
‘गगनयान’ को लेकर इसरो प्रमुख के.सिवन ने बताया है कि इस मिशन के लिए चार अंतरिक्षयात्रियों को चुना गया है और उनका प्रशिक्षण इस महीने के तीसरे सप्ताह से रूस में शुरू होगा। उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि चंद्रयान-3 और गगनयान से जुड़ा कार्य साथ-साथ चल रहा है। इसरो प्रमुख ने चेन्नई के उस इंजीनियर की भी तारीफ की जिसने चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का पता लगाया था।
उन्होंने कहा कि यह अंतरिक्ष एजेंसी की नीति थी कि वह दुर्घटनाग्रस्त मॉड्यूल की तस्वीर जारी नहीं करेंगे। सिवन ने कहा, ‘‘ हम जानते थे कि यह कहां दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और किस स्थान पर था।’’