वाशिंगटन: बीजेएम ग्लोबल हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार हेडफोन और इयरबड्स के इस्तेमाल से एक अरब से अधिक किशोर और युवा सुनने की क्षमता कमजोर होने के खतरे का सामना कर रहे हैं।
ऐसे में अध्ययनकर्ताओं की अंतरराष्ट्रीय टीम ने कहा है कि दुनिया भर की सरकारों को श्रवण स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए “सुरक्षित श्रवण” नीतियों को तत्काल प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। इस टीम में अमेरिका के साउथ कैरोलाइना मेडिकल विश्वविद्यालय के अध्ययन कर्ता शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने क्या खुलासा किया
शोधकर्ताओं ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि दुनिया भर में फिलहाल 43 करोड़ से अधिक लोग सुनने की अक्षमता से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि नियमों के ढुलमुल अनुपालन, स्मार्टफोन, हेडफोन और ईयरबड जैसे उपकरणों (पीएलडी) के उपयोग और उन स्थानों पर जाने के कारण युवा विशेष रूप से प्रभावित हो रहे हैं, जहां तेज आवाज में संगीत बजाया जाता है।
क्या है स्वीकार्य ध्वनि स्तर जो सुरक्षित है
पहले प्रकाशित अध्ययन से पता चलता है कि पीएलडी उपयोगकर्ता अक्सर 105 डेसिबल (डीबी) की बहुत तेज आवाज सुनते हैं जबकि मनोरंजन स्थलों पर औसत ध्वनि स्तर 104 से 112 डीबी तक होता है। यह वयस्कों के लिए 80 डीबी और बच्चों के लिए 75 डीबी के स्वीकार्य ध्वनि स्तर से बहुत अधिक है।
गौरतलब है कि इस अध्ययन में 12 से 35 साल के 19,046 लोगों ने हिस्सा लिया। शोध में 33 अध्ययनों का इस्तेमाल किया गया।