प्रयागराज: भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 'हर घर तिरंगा' अभियान के लिए रेलवे कर्मचारियों के वेतन से तिरंगे की कीमत के तौर पर 38 रुपये काटे जाएंगे। रेलवे की ओर से सभी रेलकर्मियों को इसके बदले तिरंगा दिया जाएगा जिसे वे अपने घर पर फहरा सकें।
दैनिक जागरण की एक रिपोर्ट के अनुसार रेलकर्मियों को नगद पैसे देकर झंडा नहीं लेना होगा, बल्कि उनके वेतन से इसका मूल्य काटा लिया जाएगा। झंडा एक निजी एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। तिरंगे की खरीदारी स्टाफ बेनीफिट फंड (कर्मचारी लाभ कोष) से की जाएगी और बाद में रेलकर्मियों के खाते से काटे गए पैसे कर्मचारी लाभ कोष में भेजा जाना है।
वहीं, हिंदुस्तान अखबार की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार एनई रेलवे प्रशासन ने सभी रेलकर्मियों को तिरंगा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके बदले में सभी रेलकर्मियों के वेतन से 50 रुपये की कटौती की जाएगी। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूजर ने एक पोस्टर शेयर करते हुए लिखा- तिरंगा तो हर दिल में है, घर-घर तो रोजगार चाहिए।
वहीं कुलदीप यादव नाम के एक यूजर ने लिखा, 'क्या यह राशि इतनी ज्यादा है। और सबसे अहम सवाल क्या आपको लगता है कि एक रेलवे कर्मचारी भारतीय झंडे को लेकर गर्व महसूस नहीं करेगा?'
वहीं एक और यूजर ने लिखा, 'जो ये नहीं चाहते हैं, उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए। वे देश के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकते।'
बता दें कि देश के नागरिकों को 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करने को केंद्र सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू किया है और देशभर में 25 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए केंद्र सरकार ने तिरंगा फहराने के नियमों में भी बदलाव किए हैं।