दिल्ली का शाहीन बाग लगातार खबरों में है. नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में महीने भर से चल रहे प्रदर्शन की कवरेज करने पहुंचे न्यूज़ चैनल ‘न्यूज नेशन’ के सलाहकार संपादक दीपक चौरसिया पर शुक्रवार को हमले की खबरें आई थी. अब तारिक फतेह ने एक नया विडियो शेयर किया है जिसमें काले बुर्के में 8-10 महिलाएं एक स्टेज पर डांस कर रही है. ये महिलाएं एक फिल्मी गाने पर डांस कर रही है. तारिक फतेह खुद को पाकिस्तान में पैदा हुआ भारतीय कहते हैं, टोरंटो में रहते हैं और अक्सर टीवी की बहसों में दिखाई देते हैं.
वीडियो ट्वीट कर तारिक फतेह ने पूछा कि क्या कोई कन्फर्म कर सकता है कि ये वीडियो सीएए और एनरसी के खिलाफ शाहीन बाग में चल रहे प्रोटेस्ट का है या नहीं ? और नीचे हैशटैग दीपक चौरसिया लिखा, मतलब वो शाहीन बाग में दीपक चौरसिया पर हुए हमले से चिंतिंत थे.
तारिक फतेह की इस जिज्ञासा को शांत करने के लिए कई ट्विटर यूजर्स ने अपनी-अपनी पसंद-झुकाव के हिसाब से जवाब दिया. भारत के गौरवान्वित प्रधानमंत्री नाम के एक ट्विटर हैंडल ने इसे सपोर्ट किया और सवाल उठाया कि अरे सर इसीलिए तो दीपक चौरसिया जैसे पत्रकारों को मारकर भगा दिया जाता है और एनडीटीवी को इजाजत है. ये हैंडल लिखता है कि शाहीन बाग में खाने के लिए फ्री बिरयानी, 4-5 घंटे प्रोटेस्ट करने के 700 रुपए, फ्री इंटरनेट, शादी-पार्टी जैसा माहौल है तो कौन बेवकूफ वहां से उठकर जाना चाहेगा.
लेकिन जल्दी ही तारिक फतेह का झूठ पकड़ा गया. ट्विटर यूजर नफीस अहमद ने एक स्क्रीन शॉट शेयर किया और कहा कि बिल्कुल यही वीडियो तारिक फतेह ने 2017 में भी शेयर किया था. जिसमें तारिक फतेह ने लिखा था कि यही होता है जब मुस्लिम औरतों पर जिन्न सवार हो जाता है. और जब जिन्न सवार हो जाए तो बुर्का पहनने का कोई फायदा नहीं .
इस वीडियो के समर्थन और विरोध में कई दावे हैं. इसमें एक दावा ट्विटर यूजर कामरान हुसैन का है.कामरान का कहना है कि ये कदयानी औरतें हैं. ये वीडियो शाहीन बाग का नही है. कामरान ने इसे किसी कदयानी लड़की की शादी का विडियो बताया है. कामरान ने बताया कि कदयानी लड़की की शादी में इस तरह का कार्यक्रम होता है.
लेकिन तारिक फतेह को सबसे तगड़ा जवाब दिया फिल्म राइटर, गीतकार जावेद अख्तर ने. जावेद अख्तर ने कहा "इस वीडियो की सच्चाई पता लगाने के लिए किसी को जासूस शर्लाक होम्स होने की जरूरत नहीं है. ये किसी शादी का वीडियो है जहां दुल्हन बैठी हुई. ये लगभग 18 महीने पुराना वीडियो है. मुझे याद है कि तब ये वायरल हुआ था. आप शाहीन बाग की महिला प्रदर्शनकारियों से असहमत हो सकते हैं लेकिन इसे महत्वहीन मत बनाइये."
वहीं, कुछ ट्विटर यूजर कह रहे हैं मंच पर महिलाएं नहीं बल्कि बुर्का पहन कर आदमी नाच रहे हैं. आपको याद होगा कि दीपक चौरसिया ने शाहीन बाग में हुई धक्का-मुक्की के बाद पुलिस से शिकायत की थी और बताया कि प्रदर्शन स्थल पर भीड़ ने उनके साथ मारपीट की और उनके कैमरे छीन लिए. दीपक चौरसिया के अलावा दूरदर्शन के रिपोर्टर नितेंद्र सिंह और उनके कैमरामैन की टीम के साथ प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने बदसलूकी की. अपने ट्विटर हैंडल पर दीपक चौरसिया ने एक मिनट का एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह प्रदर्शनकारियों से घिरे हुए दिख रहे हैं जिनके साथ बाद में बदसलूकी की जाती है.