सोशल मीडिया हमेशा से बहस का मैदान रहा है। किसी भी पोस्ट या विचार को लेकर दो पक्ष अलग हो जाते है। एक पक्ष उस पोस्ट का समर्थन करेगा तो वहीं दूसरा पक्ष विरोध करेगा और यह बहस चलता रहता है। कुछ इसी तरह से सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है। दरअसल, इस पोस्ट में आईटी सिटी बेंगलुरु में 'ब्राह्मण लंच बॉक्स' मुहैया कराने का ऑफर दिया जा रहा है। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गया है। बता दें कि ट्विटर पर डॉक्टर बी कार्तिक नव्यन नामक हैंडल से एक पोस्टर पोस्ट जारी किया गया है। जिसमें 15 अगस्त से बेंगलुरु में कम कीमत पर 'ब्राह्मण लंच बॉक्स' मुहैया कराने का दावा है, वो भी कम दामों में। डॉक्टर बी कार्तिक नव्यन खुद को एक मानवाधिकार कार्यकर्ता बताते हैं। इसे लेकर सोशल मीडिया पर जातिगत टिप्पणी शुरू हो चुकी है।
बता दें कि पोस्टर में संपर्क करने का नंबर भी दिया गया है। बताया गया है कि घर के बने सेहतमंद और स्वच्छ भोजन के लिए संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा भोजन घर तक पहुंचाया जाएगा जो फ्री होगा। इस विज्ञापन के मुताबिक मात्र 3 हजार रुपये में 30 ब्रेकफास्ट और 60 मिल मुहैया कराने का दावा किया गया है।
इस पर लोगों ने खूब नाराजगी जताई है। लोग जातिगत टिप्पणी कर रहे हैं। एक यूजर ने पोस्ट जारी करते हुए लिखा है कि अब तो यह हर जगह शुरू हो चुका है। इसके अलावा एक यूजर ने लिखा है कि जैन फूड, हलाल फूड, मुगलाई फूड ठीक है। लेकिन तामब्रह्म नहीं? क्या ये इसे सिर्फ ताम्ब्रम ही खा सकते हैं, बकवास बंद करें। हालांकि एक यूजर ने इस बैनर को सपोर्ट किया।
एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा, “सर फिर तो सब्जी पैदा करने वाला किसान, पार्सल बॉक्स बनाने वाला और डिलीवर करने वाला लड़का भी ब्राह्मण होना चाहिए। सूर्या नाम के यूजर ने लिखा कि जाति हर जगह है, सभी लोगों ने इसका इस्तेमाल अपने फायदे के लिए किया है।
एक दूसरे यूजर ने लिखा कि इसमें कोई नुकसान नहीं है, कुछ मूल पंडित खाने में प्याज और लहसून भी नहीं डालते हैं, इसी का प्रचार हो रहा है, ब्रह्माण मिल कोई अपराध नहीं है, यदि आपको लगता है तो खाइए।